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यूपी निर्माण निगम 2025 घपले की होगी एसआईएस जांच, परियोजना प्रबन्धक समेत यह अफसर बने आरोपी

यूपी निर्माण निगम 2025 घपले की होगी एसआईएस जांच, परियोजना प्रबन्धक समेत यह अफसर बने आरोपी

उत्तर प्रदेश निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) में हुए कथित घोटालों की जांच अब विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जाएगी। यह फैसला योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए लिया है। एसआईटी जांच में परियोजना प्रबंधकों सहित कई अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

घोटाले का विवरण

उत्तर प्रदेश निर्माण निगम में घोटालों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अनियमितताएं, धन का दुरुपयोग और परियोजनाओं में देरी शामिल हैं। इन घोटालों की वजह से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है और विकास कार्यों में बाधा आई है।

आरोपी अधिकारी

एसआईटी जांच में कई अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें परियोजना प्रबंधक, इंजीनियर और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप हैं।

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एसआईटी जांच

एसआईटी जांच का उद्देश्य घोटालों की तह तक जाना और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना है। एसआईटी को सभी प्रासंगिक दस्तावेजों और सबूतों की जांच करने और गवाहों के बयान दर्ज करने का अधिकार होगा।

सरकार की प्रतिक्रिया

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपीआरएनएन में हुए घोटालों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

घोटालों के प्रकार

यूपीआरएनएन में हुए घोटालों में कई तरह की अनियमितताएं शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • निविदा प्रक्रिया में अनियमितताएं: कुछ मामलों में, निविदा प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं, जैसे कि पसंदीदा ठेकेदारों को अनुचित लाभ देना या अपात्र ठेकेदारों को अनुबंध देना।
  • गुणवत्ता में कमी: कुछ परियोजनाओं में, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में कमी पाई गई, जिससे इमारतों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
  • धन का दुरुपयोग: कुछ मामलों में, सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया, जैसे कि फर्जी बिलों का भुगतान करना या निजी लाभ के लिए धन का उपयोग करना।
  • परियोजनाओं में देरी: कई परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हुईं, जिससे लागत बढ़ गई और जनता को असुविधा हुई।
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जांच का महत्व

एसआईटी जांच का महत्व कई कारणों से है:

  • भ्रष्टाचार पर अंकुश: यह जांच भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सरकारी धन की रक्षा करने में मदद करेगी।
  • जवाबदेही तय करना: यह जांच दोषियों को जवाबदेह ठहराने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि उन्हें उनके कार्यों के लिए दंडित किया जाए।
  • सुधारों को बढ़ावा देना: यह जांच यूपीआरएनएन में सुधारों को बढ़ावा देने और भविष्य में भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करेगी।
  • जनता का विश्वास बहाल करना: यह जांच जनता का सरकार में विश्वास बहाल करने में मदद करेगी।

आगे की राह

एसआईटी जांच एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। सरकार को यूपीआरएनएन में सुधारों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भविष्य में भ्रष्टाचार न हो। इन सुधारों में शामिल हो सकते हैं:

  • अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही: यूपीआरएनएन को अपनी गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लानी चाहिए।
  • मजबूत निगरानी: यूपीआरएनएन की गतिविधियों की निगरानी को मजबूत किया जाना चाहिए।
  • व्हिसलब्लोअर सुरक्षा: व्हिसलब्लोअर को भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
  • कड़ी सजा: भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

निष्कर्ष

यूपी निर्माण निगम में हुए घोटालों की एसआईटी जांच एक स्वागत योग्य कदम है। यह जांच भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, जवाबदेही तय करने और सुधारों को बढ़ावा देने में मदद करेगी। हालांकि, सरकार को यूपीआरएनएन में सुधारों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भविष्य में भ्रष्टाचार न हो।

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