Bokaro Encounter: सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 8 नक्सलियों को किया ढेर, एक करोड़ का इनामी भी मारा गया
बोकारो, झारखंड: झारखंड केBokaro Encounter जिले में सोमवार सुबह एक बड़े नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों ने आठ नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ झारखंड के लुगुपाड़ा गांव के घने जंगलों में हुई, जो नक्सलियों के सक्रिय इलाकों में गिना जाता है। इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों में से एक की पहचान सिद्धू कोड़ा के रूप में हुई है, जो झारखंड रीजनल कमेटी का प्रमुख कमांडर था और जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। सुरक्षा बलों की इस बड़ी कामयाबी को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।

ऑपरेशन की शुरुआत ऐसे हुई
खुफिया विभाग को यह जानकारी मिली थी कि Bokaro Encounter जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों की भारी मौजूदगी है और वे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुरक्षाबलों ने रणनीतिक रूप से जंगल को चारों ओर से घेरते हुए सुबह करीब चार बजे कार्रवाई की शुरुआत की। Bokaro Encounter नक्सलियों ने जवाब में गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे दोनों पक्षों के बीच भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई।
छह घंटे चली मुठभेड़, आठ नक्सली ढेर
यह मुठभेड़ लगभग छह घंटे तक चली, जिसमें दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। जंगल की विषम परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबलों ने धैर्य और सूझबूझ से पूरे इलाके को नियंत्रित किया और आठ नक्सलियों को मार गिराया। इस दौरान किसी भी जवान को गंभीर नुकसान नहीं हुआ, जो इस ऑपरेशन की सफल रणनीति को दर्शाता है।
एक करोड़ का इनामी सिद्धू कोड़ा भी मारा गया
मारे गए नक्सलियों में सिद्धू कोड़ा सबसे प्रमुख था, जो झारखंड रीजनल कमेटी का टॉप कमांडर था। वह कई वर्षों से सुरक्षाबलों की नजरों से बचता फिर रहा था और उस पर राज्य सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। सिद्धू कोड़ा झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में हुई कई नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड था। उसकी मौत को नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
भारी मात्रा में हथियार और दस्तावेज बरामद
एनकाउंटर के बाद जब सुरक्षाबलों ने इलाके की तलाशी ली तो वहां से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। बरामद सामानों में एके-47 राइफलें, इंसास राइफल, कार्बाइन, पिस्तौल, सैकड़ों कारतूस, विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर, वायरलेस सेट और कई नक्सली दस्तावेज शामिल हैं। इन दस्तावेजों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि नक्सलियों की आगामी गतिविधियों और योजनाओं का खुलासा हो सकता है।

ऑपरेशन को मिली रणनीतिक सफलता
झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने इस ऑपरेशन को एक रणनीतिक जीत बताया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई राज्य में शांति और स्थायित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी सरकार और पुलिस नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, और यह अभियान उसी का हिस्सा है।” उन्होंने यह भी बताया कि मारे गए नक्सली वर्षों से पुलिस और नागरिकों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में लिप्त थे।
स्थानीय जनता ने जताई राहत
इस मुठभेड़ के बाद इलाके के ग्रामीणों में काफी राहत की भावना देखी गई। लुगुपाड़ा और आसपास के गांवों में नक्सलियों की मौजूदगी और गतिविधियों से लोग लंबे समय से त्रस्त थे। गांववाले रोज रंगदारी, धमकियों और जबरन वसूली जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे। कई बार नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों को फर्जी आरोपों में सजा दी गई थी। एनकाउंटर के बाद ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों का फूल-मालाओं से स्वागत किया और उनके प्रति आभार प्रकट किया।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
झारखंड Bokaro Encounter के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस ऑपरेशन पर सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए कहा, “राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ हमारी नीति स्पष्ट है। हम राज्य के हर नागरिक को सुरक्षित माहौल देना चाहते हैं। सुरक्षाबलों का यह अभियान नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस अभियान के बाद इलाके में विकास योजनाओं को तेजी से लागू किया जाए ताकि लोग नक्सलवाद की ओर न मुड़ें।

निष्कर्ष
Bokaro Encounter जिले में हुआ यह एनकाउंटर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भरोसा लौटाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि आम जनता को भी यह संदेश गया है कि राज्य सरकार और सुरक्षाबल मिलकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिद्धू कोड़ा जैसे बड़े नक्सली कमांडर की मौत से नक्सली संगठन की रीढ़ टूटना तय है।
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