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 Giridih में एक परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़: एक भाई अफ्रीका में अगवा, दूसरा कानपुर में घायल; तीसरा तनाव में टावर पर चढ़ा2025

 Giridih में एक परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़: एक भाई अफ्रीका में अगवा, दूसरा कानपुर में घायल; तीसरा तनाव में टावर पर चढ़ा

 Giridih  (झारखंड): Giridih जिले के बेंगाबाद प्रखंड से एक दिल दहला देने वाली और अत्यंत मार्मिक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक ही परिवार पर मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार का एक बेटा सुदूर अफ्रीका महादेश में अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसा है, दूसरा बेटा उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, वहीं इन दोनों भाइयों की सलामती की चिंता और परिवार पर आई विपदा के भारी तनाव में तीसरा भाई मानसिक संतुलन खो बैठा और विरोध जताने या शायद अपनी बेबसी जाहिर करने के लिए एक ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। इस घटना ने न केवल परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और समाज के सामने भीGiridih  गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह दुखद कहानी Giridih  जिले के बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत छोटकी खरगडीहा पंचायत के मानजोरी गांव के रहने वाले रमेश महतो के परिवार की है। रमेश महतो एक साधारण किसान हैं और उनके तीन बेटे घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बाहर कमाने गए थे।

  1. अफ्रीका में अपहरण: परिवार का सबसे बड़ा बेटा, लगभग 30 वर्षीय अजय महतो, कुछ महीने पहले बेहतर कमाई की उम्मीद में अफ्रीका गया था। Giridih  रिपोर्ट्स के अनुसार, वह नाइजीरिया या किसी पड़ोसी देश में एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। लगभग एक सप्ताह पहले, परिवार को सूचना मिली कि अजय का अज्ञात बंदूकधारियों ने अपहरण कर लिया है। अपहरणकर्ताओं ने कथित तौर पर परिवार से संपर्क कर अजय की रिहाई के एवज में करोड़ों रुपये की फिरौती की मांग की है। यह रकम गरीब किसान परिवार के लिए जुटा पाना असंभव है। परिवार ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन के माध्यम से विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास सेGiridih  संपर्क साधने की कोशिश की है, लेकिन अब तक अजय की सुरक्षित वापसी को लेकर कोई ठोस आश्वासन या प्रगति नहीं हुई है। फिरौती की भारी मांग और बेटे की Giridih  जान पर बने संकट ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है।
  2. कानपुर में दुर्घटना: अभी परिवार अजय के अपहरण के सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि कुछ ही दिनों बाद, लगभग तीन दिन पहले, उन्हें एक और बुरी खबर मिली। रमेश महतो का दूसरा बेटा, लगभग 26 वर्षीय विजय महतो, जो उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहकर मजदूरी या किसी छोटे-मोटे काम से जुड़ा था, एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। बताया जा रहा है कि उसे किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उसके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं। उसे कानपुर के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वे तुरंत कानपुर जाकर विजय की देखभाल कर सकें या उसके बेहतर इलाज का प्रबंध कर सकें। दो बेटों पर एक साथ आई इस विपत्ति ने परिवार की कमर तोड़ दी।
  3. तनाव में टावर पर चढ़ा तीसरा भाई: अपने एक भाई के अपहरण और दूसरे के गंभीर रूप से घायल होने की खबर ने घर पर मौजूद तीसरे बेटे, लगभग 22 वर्षीय संजय महतो (नाम काल्पनिक) को मानसिक रूप से बुरी तरह तोड़ दिया। परिवार की लगातार बिगड़ती स्थितिGiridih  , आर्थिक तंगी, भाइयों की चिंता और संभवतः प्रशासन या किसी सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित मदद न मिलने की हताशा ने उसे घेर लिया। इसी गहरे मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति में, संजय ने बुधवार सुबह (या घटना के दिन) गांव के पास स्थित एक ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़कर हंगामा करना शुरू कर दिया।

टावर पर ड्रामा और बचाव कार्य:

संजय को टावर पर चढ़ा देख गांव में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। सूचना मिलते ही बेंगाबाद थाना पुलिस, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टावर के आसपास जाल लगाया गया और अधिकारी लगातार संजय को नीचे उतरने के लिए समझाते रहे। परिवार के सदस्य भी रो-रोकर उससे नीचे आने की मिन्नतें कर रहे थे। संजय कथित तौर पर अपने भाइयों की Giridih  सुरक्षित वापसी और इलाज के लिए सरकार और प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगा रहा था। वह बेहद परेशान और हताश नजर आ रहा था।

घटनास्थल पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को सांत्वना दी है। गिरिडीह के उपायुक्त (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) ने मामले का संज्ञान लिया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वे विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर अफ्रीका में अगवा युवक की सुरक्षित रिहाई के लिए प्रयास तेज करेंगे। Giridih  साथ ही, कानपुर में घायल युवक के इलाज और परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री राहत कोष या अन्य सरकारी योजनाओं से परिवार को तत्काल मदद दिलाने का भी आश्वासन दिया गया है। टावर पर चढ़े युवक को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाने की भी व्यवस्था की जा रही है।

सामाजिक सरोकार और सवाल:

यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:

  •  Giridih रोजगार के लिए परदेस जाने वाले युवाओं की सुरक्षा का मुद्दा।
  • विदेशों में भारतीय नागरिकों के अपहरण और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए तंत्र की प्रभावशीलता।
  • ग्रामीण भारत में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सहायता की कमी।
  • आर्थिक तंगी और सरकारी मदद की प्रक्रियाओं की जटिलता, जो अक्सर जरूरतमंदों को समय पर राहत नहीं दे पाती।

निष्कर्ष:

मानजोरी गांव के महतो परिवार पर आई यह विपदा अत्यंत दुखद है। यह कहानी न केवल तीन भाइयों और उनके माता-पिता के दर्द को बयां करती है, बल्कि यह उन हजारों परिवारों की स्थिति को भी दर्शाती है जिनके सदस्य रोजी-रोटी के लिए घर से दूर, असुरक्षित परिस्थितियों मेंGiridih  काम करने को मजबूर हैं। उम्मीद है कि प्रशासन और सरकार त्वरित कार्रवाई करते हुए अफ्रीका में अगवा अजय महतो की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगी,Giridih  कानपुर में घायल विजय महतो के समुचित इलाज का प्रबंध करेगी और इस मुश्किल घड़ी में परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी, ताकि भविष्य में किसी और संजय को हताशा में टावर पर न चढ़ना पड़े। समाज को भी ऐसे पीड़ित परिवारों के प्रति अधिक संवेदनशीलGiridih  होने और मदद के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

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