Now Live News

Police बना कातिल: बेतिया थाने में 12 गोलियां दाग साथी को मार डाला, छत पर बंदूक लहराकर फैलाई दहशत 2025

Police बना कातिल: बेतिया थाने में 12 गोलियां दाग साथी को मार डाला, छत पर बंदूक लहराकर फैलाई दहशत

बिहार के बेतिया जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने Police महकमे को हिलाकर रख दिया है। बेतिया पुलिस थाने में एक सिपाही ने अपने ही साथी सिपाही को 12 गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह घटना रात के समय हुई, जब पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी पर थे। इसके बाद, आरोपी Police ने घटना के बाद थाने की छत पर चढ़कर बंदूक लहरानी शुरू कर दी, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।

घटना का विवरण:

रात के करीब 11:30 बजे, बेतिया Police थाने में तैनात दो सिपाही, जिनका नाम अशोक कुमार और राकेश कुमार था, के बीच अचानक झगड़ा हो गया। घटना के कारणों को लेकर Police जांच कर रही है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, झगड़ा निजी कारणों या कामकाजी तनाव के कारण हो सकता है। बताया जा रहा है कि अशोक कुमार ने गुस्से में आकर अपने साथी राकेश कुमार को करीब से 12 गोलियां मारीं। राकेश कुमार को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद, आरोपी Police अशोक कुमार ने न केवल अपनी क्रूरता को अंजाम दिया, बल्कि थाने की छत पर चढ़कर बंदूक लहराते हुए पुलिस और स्थानीय लोगों में आतंक फैला दिया। यह दृश्य देखकर आसपास के लोग डर के मारे सहम गए, और सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी गई।

Police की प्रतिक्रिया:

सूचना मिलते ही बेतिया Police और उच्च अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की। एक टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को आत्मसमर्पण करने के लिए समझाने की कोशिश की। काफी देर बाद, आरोपी सिपाही ने अपनी बंदूक को नीचे किया और आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ हत्या, आतंक फैलाने और अन्य संबंधित आरोपों के तहत मामला दर्ज किया।

बेतिया पुलिस प्रशासन ने घटना को बेहद गंभीर बताया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटना पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा के लिए बहुत बुरी है और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आशंका और कारण:

हालांकि घटना के पीछे के कारणों का अब तक पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा है कि आरोपी और मृतक Police के बीच कई दिनों से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। पुलिसकर्मियों के बीच कामकाजी दबाव, तनाव और पारिवारिक समस्याएं कई बार ऐसे गंभीर परिणामों का कारण बन सकती हैं। बेतिया पुलिस थाना में इस तरह की घटना ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि पुलिसकर्मी आम तौर पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात होते हैं, न कि अपराध करने के लिए।

इसके अलावा, यह घटना यह भी दर्शाती है कि Police विभाग में मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों का काम बहुत ही तनावपूर्ण और दबावपूर्ण होता है, और अगर उनकी मानसिक स्थिति ठीक न हो, तो ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकता।

स्थानीय लोगों का डर और प्रतिक्रिया:

बेतिया के स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा अफसोस जताया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह किसी फिल्म की तरह लग रहा था। हम तो सोच रहे थे कि कहीं पुलिसवाले आपस में गोलीबारी करने लगे हैं। यह घटना पूरे शहर को दहशत में डालने के लिए काफी है।”

कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी कहा किPolice अधिकारियों को इस घटना से सबक लेना चाहिए और पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। एक अन्य नागरिक ने कहा, “हम तो बस चाहते हैं कि ऐसे अपराधी पुलिसकर्मी को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।”

पुलिस विभाग की सख्त चेतावनी:

इस घटना के बाद बेतिया पुलिस विभाग ने सभी पुलिसकर्मियों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को ड्यूटी में प्रभावित न होने दें। पुलिस विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी पुलिसकर्मियों का नियमित मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा है कि मामले की गहरी जांच की जाएगी, और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जाएगी। पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष:

बेतिया पुलिस थाने में हुई यह घटना न केवल पुलिस विभाग के लिए एक शर्मिंदगी का कारण बन गई है, बल्कि यह समाज में पुलिस की छवि को भी प्रभावित कर सकती है। इस तरह की घटना से यह स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ऐसे और भी अपराध हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और आरोपी सिपाही को न्याय के कटघरे में लाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।

जागरण संपादकीय: Murshidabad के शरणार्थियों का दर्द, ममता सरकार को बदलना होगा रवैया 

Leave a Comment