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Trump क्रीमिया पर रूस के अधिकार को ‘मान्यता’ दे सकते हैं: यूक्रेन के लिए चिंता, रूस के लिए राहत 2025

Trump  क्रीमिया पर रूस के अधिकार को ‘मान्यता’ दे सकते हैं: यूक्रेन के लिए चिंता, रूस के लिए राहत

परिचय

अमेरिकी राजनीति में एक संभावित बदलाव ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खलबली मचा दी है। हालिया रिपोर्टों और अटकलों के अनुसार, यदि डोनाल्ड Trump  एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो उनकी एक बड़ी विदेश नीति यह हो सकती है कि वह रूस द्वारा 2014 में यूक्रेन से हड़पे गए क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूसी अधिकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता दे दें। यह कदम अमेरिका की दशकों पुरानी विदेश नीति से एक नाटकीय विचलन होगा और यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका, जबकि रूस के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत साबित हो सकता है। इस संभावित कदम के गहरे भू-राजनीतिक निहितार्थ हैं, जो पूर्वी यूरोप में शक्ति संतुलन को बदल सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय कानून के मानदंडों को चुनौती दे सकते हैं।

क्रीमिया का इतिहास और 2014 का घटनाक्रम

क्रीमिया काला सागर में स्थित एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रायद्वीप है। इसका इतिहास जटिल रहा है, जिसमें रूसी और यूक्रेनी दोनों तरह के सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध हैं। सोवियत संघ के विघटन के बाद, क्रीमिया यूक्रेन का हिस्सा बना, हालांकि इसकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रूसी भाषी था। 2014 में, यूक्रेन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, रूस ने सैन्य हस्तक्षेप किया और क्रीमिया पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद रूस ने एक जनमत संग्रह आयोजित किया, जिसे अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अवैध माना, और क्रीमिया को रूसी संघ में मिला लिया। तब से, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने क्रीमिया पर रूस के कब्जे को अवैध माना है और इस पर प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि यूक्रेन अपनी क्षेत्रीय अखंडता के हिस्से के रूप में क्रीमिया की वापसी की मांग करता रहा है।

Trump  का संभावित दृष्टिकोण

डोनाल्ड Trump का रूस-यूक्रेन युद्ध और समग्र रूप से रूस के प्रति रुख अक्सर पारंपरिक अमेरिकी विदेश नीति से हटकर रहा है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी, उन्होंने कई बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति नरमी दिखाई और नाटो जैसे गठबंधनों की उपयोगिता पर सवाल उठाए। यूक्रेन युद्ध के संबंध में,Trump  ने बार-बार कहा है कि वह 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त कर सकते हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस “शांति योजना” में एक प्रमुख तत्व यह हो सकता है कि वह क्रीमिया पर रूस के वास्तविक नियंत्रण को स्वीकार कर लें।

Trump  के समर्थकों और उनके करीबी सलाहकारों का मानना है कि क्रीमिया पर रूसी कब्जे को मान्यता देना एक ‘व्यावहारिक’ कदम होगा। उनका तर्क है कि क्रीमिया को यूक्रेन को वापस दिलाना लगभग असंभव है और इस मुद्दे को स्वीकार करके युद्ध को समाप्त करने या कम से कम शांति वार्ता शुरू करने का रास्ता खुल सकता है। इसके अलावा, कुछ लोग इसे यूक्रेन पर आर्थिक और सैन्य सहायता के बोझ को कम करने के तरीके के रूप में भी देख सकते हैं, जो ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के अनुरूप होगा।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये रिपोर्ट्स अभी अटकलों पर आधारित हैं और ट्रंप की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन जिस तरह से ये बातें सामने आ रही हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि यदि ट्रंप सत्ता में लौटते हैं तो क्रीमिया का मुद्दा उनकी विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद हिस्सा बन सकता है।

यूक्रेन के लिए गंभीर चिंता

यदि अमेरिका, दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति, क्रीमिया पर रूस के अधिकार को मान्यता देता है, तो यह यूक्रेन के लिए एक विनाशकारी झटका होगा।

  1. क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन: यह कदम सीधे तौर पर यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन होगा। क्रीमिया यूक्रेन के नक्शे का एक अभिन्न हिस्सा है और यूक्रेनियन इसे कभी भी रूस का हिस्सा स्वीकार नहीं करेंगे।
  2. कब्जे को वैधता: अमेरिकी मान्यता रूस के 2014 के “अवैध कब्जे” को एक प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय वैधता प्रदान करेगी। यह पुतिन के इस तर्क को मजबूत करेगा कि क्रीमिया ऐतिहासिक रूप से रूस का है और क्रीमियाई लोग रूस का हिस्सा बनना चाहते थे।
  3. मनोबल पर असर: यह यूक्रेन के सैनिकों और नागरिकों के मनोबल पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, जो अपनी भूमि की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। यह महसूस करना कि उनके सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी ने उनकी भूमि पर दुश्मन के दावे को स्वीकार कर लिया है, बेहद disheartening होगा।
  4. शांति वार्ता में कमजोरी: भविष्य की किसी भी शांति वार्ता में यूक्रेन की स्थिति बेहद कमजोर हो जाएगी। रूस के पास क्रीमिया पर पहले से ही अमेरिकी ‘मान्यता’ का एक मजबूत दावा होगा, जिससे यूक्रेन के लिए इसे वापस पाने की मांग करना लगभग असंभव हो जाएगा।
  5. अंतर्राष्ट्रीय समर्थन में कमी: अमेरिका की नीति में बदलाव अन्य देशों को भी अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे यूक्रेन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन में कमी आ सकती है। यूरोपीय सहयोगी, जो रूस के आक्रामकता के प्रति दृढ़ रहे हैं, खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाएंगे।

राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि यूक्रेन अपनी सभी खोई हुई भूमि, जिसमें क्रीमिया भी शामिल है, को वापस पाने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी नीति में ऐसा बदलाव न केवल उनकी रणनीतियों को बाधित करेगा, बल्कि यूक्रेन के अस्तित्व को ही खतरे में डाल सकता है।

रूस के लिए बड़ी राहत और जीत

इसके विपरीत, क्रीमिया पर अमेरिकी मान्यता रूस और राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक बहुत बड़ी कूटनीतिक और राजनीतिक जीत होगी।

  1. 2014 के कदम की पुष्टि: यह 2014 में क्रीमिया को हड़पने के रूस के विवादास्पद कदम की पुष्टि करेगा, जिसे पश्चिम ने हमेशा अवैध बताया है।
  2. घरेलू स्तर पर मजबूती: पुतिन के लिए यह घरेलू स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि होगी। वह रूसी जनता को दिखा सकेंगे कि उन्होंने क्रीमिया को “वापस रूस” में लाने के अपने वादे को पूरा किया है और पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका, अंततः इस वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए मजबूर हुआ है।
  3. प्रतिबंधों में संभावित ढील: हालांकि अमेरिकी मान्यता सीधे तौर पर प्रतिबंधों को नहीं हटाएगी, लेकिन यह भविष्य में क्रीमिया से संबंधित प्रतिबंधों में ढील देने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
  4. पश्चिमी एकता में दरार: यह कदम अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच गंभीर मतभेद पैदा करेगा, जिससे रूस के खिलाफ पश्चिमी एकता कमजोर होगी। पुतिन हमेशा से पश्चिमी गठबंधन को तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं, और क्रीमिया पर अमेरिकी मान्यता इसमें सहायक होगी।
  5. रणनीतिक लाभ का स्थायीकरण: क्रीमिया का नियंत्रण रूस को काला सागर में महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे (सेवास्तोपोल) और सामरिक गहराई प्रदान करता है। अमेरिकी मान्यता इस रणनीतिक लाभ को स्थायी बना देगी।

संक्षेप में, अमेरिका द्वारा क्रीमिया पर रूस के अधिकार को मान्यता देना पुतिन के लिए एक ऐसा “उपहार” होगा जिसकी उन्होंने शायद ही उम्मीद की हो, खासकर ऐसे समय में जब पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन के प्रतिरोध के कारण रूस पर दबाव है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड Trump के राष्ट्रपति बनने पर क्रीमिया पर रूस के अधिकार को मान्यता देने की संभावना यूक्रेन के लिए एक बेहद चिंताजनक परिदृश्य है, जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सीधा खतरा पैदा करेगा। वहीं, यह रूस के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक और राजनीतिक जीत होगी, जो 2014 के अपने कदम को वैधता प्रदान करेगा और पश्चिमी एकता को कमजोर करेगा।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह अभी भी एक संभावित नीति है, निश्चित नहीं। यदि ऐसा होता है, तो इसके अंतर्राष्ट्रीय कानून, वैश्विक सुरक्षा और अमेरिका के सहयोगियों के साथ संबंधों पर दूरगामी परिणाम होंगे। दुनिया इस बात पर करीब से नजर रखेगी कि क्या अमेरिकी विदेश नीति में यह संभावित भूकंपीय बदलाव होता है या नहीं, और यदि होता है तो इसके परिणाम क्या होंगे। यूक्रेन के लिए यह निश्चित रूप से एक “झटका” होगा, जबकि रूस के लिए एक अप्रत्याशित “उपहार”।

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