उत्तराखंड बजट सत्र 2025: पहाड़-मैदान के मुद्दे पर सदन में हंगामा, विपक्षी विधायक ने कागज फाड़ा, लगी फटकार

उत्तराखंड बजट सत्र 2025: पहाड़-मैदान के मुद्दे पर सदन में हंगामा, विपक्षी विधायक ने कागज फाड़ा, लगी फटकार

उत्तराखंड विधानसभा में आज बजट सत्र 2025 के दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने पहाड़ और मैदान के विकास में असमानता का मुद्दा उठाया, जिसके बाद सदन में तीखी बहस हुई। इस दौरान एक विपक्षी विधायक ने गुस्से में कागज फाड़ दिए, जिस पर स्पीकर ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई।

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विपक्ष का आरोप: पहाड़ की अनदेखी

बजट सत्र की शुरुआत में ही विपक्षी विधायकों ने सरकार पर पहाड़ की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बजट में मैदान के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, जबकि पहाड़ के विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं किए गए हैं। विपक्षी विधायकों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।

विपक्षी विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पहाड़ से पलायन रोकने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवा पहाड़ छोड़कर मैदानों में जा रहे हैं।

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सरकार का जवाब: संतुलित विकास

सरकार ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया। संसदीय कार्य मंत्री [संसदीय कार्य मंत्री का नाम] ने कहा कि सरकार पहाड़ और मैदान दोनों के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बजट में पहाड़ के विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं और सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दे रही है।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, “सरकार पहाड़ के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है। हमने पहाड़ में सड़क कनेक्टिविटी में सुधार किया है, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया है और शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठाए हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहाड़ से पलायन रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार पहाड़ में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पर्यटन और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा दे रही है।

सदन में हंगामा

विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस के दौरान सदन में हंगामा हो गया। विपक्षी विधायक सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

इस दौरान, एक विपक्षी विधायक [विधायक का नाम] गुस्से में अपनी सीट से उठे और उन्होंने बजट की कॉपी फाड़ दी। इस पर स्पीकर [स्पीकर का नाम] ने सख्त रुख अपनाया और उन्हें कड़ी फटकार लगाई।

स्पीकर ने कहा, “यह सदन गरिमा का स्थान है। इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा के खिलाफ है। मैं आपको चेतावनी देता हूं कि भविष्य में ऐसा व्यवहार न करें।”

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विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका

उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने सदन में शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विपक्ष और सरकार दोनों को अपनी बात रखने का मौका दिया और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया।

अध्यक्ष ने कहा, “सदन में सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन उन्हें सदन की गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्वक चलाने में सहयोग करें।”

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पहाड़ और मैदान के विकास में असमानता का मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और पहाड़ के विकास के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

विश्लेषकों का यह भी मानना है कि सदन में इस तरह का हंगामा लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष और सरकार को बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।

आगे की राह

उत्तराखंड सरकार को पहाड़ और मैदान के विकास में संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को पहाड़ में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

विपक्ष को भी सदन में संयम से व्यवहार करना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।

उत्तराखंड के विकास के लिए यह जरूरी है कि सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर काम करे

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