चमोली हिमस्खलन: बचाव अभियान में सफलता, 14 और मजदूर बचाए गए

चमोली में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में मिल रही कामयाबी, बचाए गए बर्फ में फंसे 14 और मजदूर बचाए गए

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास सुमना क्षेत्र में हुए हिमस्खलन के बाद चलाए जा रहे बचाव अभियान में सफलता मिल रही है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और राज्य आपदा प्रतिresponse बल (एसडीआरएफ) की संयुक्त टीम ने बर्फ में फंसे 14 और मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है। इसके साथ ही अब तक कुल 384 लोगों को बचाया जा चुका है।

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रेस्क्यू ऑपरेशन का विस्तृत विवरण:

हिमस्खलन की सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। BRO और SDRF की टीमें तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो गईं। हालांकि, बचाव कार्य कई चुनौतियों से भरा हुआ था। दुर्गम पहाड़ी इलाका और लगातार बदलता मौसम सबसे बड़ी बाधाएं थीं। भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। तापमान भी जमाव बिंदु से काफी नीचे था, जिससे बचाव कर्मियों के लिए काम करना बेहद कठिन हो गया था।

बचाव अभियान का विवरण

  • शुरुआत: हिमस्खलन की सूचना मिलने के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया।
  • चुनौतियां: दुर्गम इलाका और खराब मौसम बचाव कार्यों में बाधा बन रहे थे। भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण बचाव दल को मौके पर पहुंचने में कठिनाई हो रही थी।
  • तकनीक का इस्तेमाल: बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टरों और अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • समन्वय: बीआरओ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से बचाव अभियान को सफल बनाया जा सका है।
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बचाए गए मजदूरों की स्थिति

बचाए गए मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ मजदूरों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है।

मृतकों की संख्या

हिमस्खलन में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों के शव बरामद कर लिए गए हैं और उनकी पहचान की जा रही है।

मुख्यमंत्री का दौरा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली का दौरा किया और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

बीआरओ का बयान

बीआरओ ने एक बयान में कहा कि हिमस्खलन एक बड़े हिमखंड के टूटने के कारण हुआ था। बीआरओ के जवान घटनास्थल पर तुरंत पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। बीआरओ ने कहा कि वह बचाव कार्यों में हर संभव मदद कर रहा है।

स्थानीय लोगों की भूमिका

स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बचाव दल को रास्ता दिखाने और अन्य सहायता प्रदान करने में मदद की।

आगे की योजना

अधिकारियों ने कहा कि बचाव अभियान अभी जारी रहेगा। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में क्षेत्र में और अधिक बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।

चमोली में पहले भी हो चुकी हैं आपदाएं

चमोली जिला आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। फरवरी 2021 में, चमोली में एक विनाशकारी बाढ़ आई थी जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे।

सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने हिमस्खलन की घटना को गंभीरता से लिया है और बचाव कार्यों के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। केंद्र सरकार भी राज्य सरकार को हर संभव मदद कर रही है।

निष्कर्ष

चमोली में हिमस्खलन एक दुखद घटना है। हालांकि, बचाव दल के प्रयासों से कई लोगों की जान बचाई जा सकी है। सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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