कश्मीर पर पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल से जयशंकर हुए नाराज़, दिया करारा जवाब 2025

कश्मीर पर पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल से जयशंकर हुए नाराज़, दिया करारा जवाब

हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक पाकिस्तानी पत्रकार के कश्मीर से जुड़े सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में, जयशंकर पत्रकार के सवाल पर नाराज़गी जताते हुए उसे करारा जवाब देते हुए नज़र आ रहे हैं। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर चल रहे तनाव को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

घटना का विवरण:

यह घटना एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हुई, जहाँ विदेश मंत्री जयशंकर विभिन्न देशों के पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान, एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जुड़े सवाल पूछे। पत्रकार के सवाल का लहजा और विषय वस्तु ऐसी थी कि जयशंकर को उसमें भारत के प्रति पूर्वाग्रह और नकारात्मकता दिखी।

जयशंकर की प्रतिक्रिया:

पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने तत्काल और स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पत्रकार से कहा कि उसे कश्मीर के बारे में चिंता करने से पहले अपने देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार और आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और भारत सरकार वहां विकास और स्थिरता लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जयशंकर के जवाब के मुख्य बिंदु:

  • पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति: जयशंकर ने पाकिस्तानी पत्रकार को याद दिलाया कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का रिकॉर्ड बहुत खराब है। उन्होंने बलूचिस्तान और अन्य क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन का उल्लेख किया, जहाँ पाकिस्तानी सेना और सरकार पर नागरिकों के खिलाफ अत्याचार करने के आरोप लगते रहे हैं।
  • अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार: जयशंकर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, जैसे हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के साथ होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि कैसे इन समुदायों के लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन और अन्य प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ता है।
  • आतंकवाद को समर्थन: जयशंकर ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और सुरक्षित ठिकाने प्रदान करता है, जिससे भारत और अन्य देशों में अस्थिरता पैदा होती है।
  • कश्मीर भारत का अभिन्न अंग: जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को भारत का आंतरिक मामला बताया और कहा कि इसका उद्देश्य कश्मीर में विकास और समृद्धि लाना है।

वीडियो पर प्रतिक्रियाएं:

जयशंकर के जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इस पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं।

  • भारत में समर्थन: भारत में अधिकांश लोगों ने जयशंकर के जवाब की सराहना की और इसे भारत के रुख का सही प्रतिनिधित्व बताया। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने पाकिस्तानी पत्रकार को करारा जवाब देकर भारत की गरिमा को बनाए रखा है।
  • पाकिस्तान में आलोचना: पाकिस्तान में कुछ लोगों ने जयशंकर के जवाब की आलोचना की और इसे भारत की ओर से कश्मीर पर सच्चाई को छिपाने का प्रयास बताया। उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की मांग की।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ देशों ने भारत और पाकिस्तान से बातचीत के माध्यम से कश्मीर मुद्दे को हल करने का आग्रह किया, जबकि कुछ अन्य देशों ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।

कश्मीर मुद्दे की पृष्ठभूमि:

कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक विवादित क्षेत्र है। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद से, दोनों देशों ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए कई युद्ध लड़े हैं। वर्तमान में, कश्मीर का एक हिस्सा भारत के नियंत्रण में है, जिसे जम्मू और कश्मीर कहा जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में है, जिसे आज़ाद कश्मीर कहा जाता है।

भारत का दावा है कि कश्मीर उसका अभिन्न अंग है, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए। 2019 में, भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। इस फैसले की पाकिस्तान ने कड़ी निंदा की और इसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया।

निष्कर्ष:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी पत्रकार के बीच हुई यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर चल रहे तनाव को दर्शाती है। यह घटना दिखाती है कि दोनों देशों के बीच अविश्वास और गलतफहमी की गहरी खाई है। कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है, लेकिन इसके लिए दोनों देशों को ईमानदारी और खुले दिमाग से आगे आना होगा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह घटना एक जटिल मुद्दे का सिर्फ एक पहलू है। कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति, आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे कई मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए और दोनों देशों को बातचीत के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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