लालटेन में पढ़ने वाला भी बन सकता है बड़ा, बस सोच हो बुलंद: एसआरसीसी कॉन्क्लेव में ओमबिरला
नई दिल्ली: श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के प्रतिष्ठित वार्षिक कॉन्क्लेव में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने छात्रों को प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद, बुलंद सोच और दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। उन्होंने कहा कि लालटेन की रोशनी में पढ़ने वाला छात्र भी बड़ा बन सकता है, यदि उसकी सोच बड़ी और सकारात्मक हो।

शिक्षा का महत्व और अवसरों की समानता
ओम बिरला ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह समाज के विकास का आधार है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उन्होंने एसआरसीसी जैसे संस्थानों की भूमिका की सराहना की, जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करते हैं।
बिरला ने अवसरों की समानता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन करने का समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
आत्मनिर्भरता और नवाचार
ओम बिरला ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे उद्यमी बनें और नए विचारों के साथ आगे आएं। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों का उल्लेख किया, जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हैं।
नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी

अपने संबोधन में, ओम बिरला ने नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सफलता के साथ-साथ, छात्रों को अपने मूल्यों और सिद्धांतों को भी बनाए रखना चाहिए। उन्होंने छात्रों से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और जरूरतमंदों की मदद करने का आग्रह किया।एसआरसीसी उन्होंने कहा कि एक सफल व्यक्ति वही है जो न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी योगदान देता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
ओम बिरला का भाषण छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। उन्होंने अपने व्यक्तिगत उदाहरणों और प्रेरक विचारों से छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कभी भी हार नएसआरसीसी मानें। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है, और इसके लिए निरंतर प्रयास और समर्पण की आवश्यकता होती है।
एसआरसीसी कॉन्क्लेव: एक मंच

एसआरसीसी कॉन्क्लेव एक प्रतिष्ठित मंच है जो छात्रों, शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाता है। यह मंच विचारों के आदान-प्रदान, ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष के कॉन्क्लेव का विषय “भारत: भविष्य की महाशक्ति” था, और इसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सामाजिक विकास शामिल हैं।
निष्कर्ष
ओम बिरला का एसआरसीसी कॉन्क्लेव में दिया गया भाषण एक प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक संदेश था। उन्होंने छात्रों को बड़ी सोच रखने, कड़ी मेहनत करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और इसमें भविष्य में महाशक्ति बनने की क्षमता है। उन्होंने एसआरसीसी युवाओं से आग्रह किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और देश के विकास में योगदान दें।
यह लेख ओम बिरला के भाषण के मुख्य बिंदुओं को एसआरसीसी शामिल करता है और उनके संदेश को प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है। यह लेख 1000 शब्दों की सीमा के भीतर है और इसमें एसआरसीसी कॉन्क्लेव के बारे में प्रासंगिक जानकारी भी शामिल है।thumb_upthumb_down
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