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Pahalgam Terror Attack: आतंकियों से अकेला भिड़ा, राइफल छीनी… कश्मीरी ने ऐसे बचाई कई लोगों की जान 2025

Pahalgam Terror Attack: आतंकियों से अकेला भिड़ा, राइफल छीनी… कश्मीरी ने ऐसे बचाई कई लोगों की जान

पहा‍लगाम,Terror Attack जम्मू-कश्मीर: आतंकवाद से त्रस्त कश्मीर घाटी में जब-जब इंसानियत और बहादुरी की मिसाल पेश होती है, तब यह संदेश जाता है कि Terror Attack को न तो मजहब का सहारा है और न ही स्थानीय लोगों का। एक ताज़ा उदाहरण सामने आया है पहलगाम से, जहाँ एक आम कश्मीरी युवक ने असाधारण साहस दिखाते हुए आतंकियों से अकेले भिड़कर उनकी राइफल छीन ली और कई लोगों की जान बचाई।

हमला उस वक्त हुआ जब…

यह घटना रविवार शाम को हुई, जब पहलगाम में एक स्थानीय बाज़ार में हलचल सामान्य थी। स्थानीय नागरिक, पर्यटक और दुकानदार अपने-अपने काम में लगे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज़ गूंजने लगी। दो आतंकियों ने अचानक भीड़भाड़ वाले इलाके में हमला बोल दिया। अफरातफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। गोलियों की आवाज़ से पूरा इलाका दहशत में आ गया।

लेकिन तभी सामने आया एक ‘असली हीरो’

इस हमले के दौरान, जब सब लोग अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे, तभी 28 वर्षीय कश्मीरी युवक आरिफ अहमद लोन (बदला हुआ नाम) ने कुछ ऐसा किया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। आरिफ किसी सरकारी एजेंसी से नहीं जुड़ा था, न ही उसके पास कोई हथियार था। वह एक स्थानीय दुकानदार है, जो आमतौर पर अपने छोटे से जनरल स्टोर में ग्राहकों को सामान देता है।

हमले के दौरान जब उसने देखा कि एक Terror Attack ने एक जवान को गोली मारकर उसकी राइफल छीनी है और अगला निशाना बना रहा है, तो आरिफ ने बिना वक्त गंवाए एक खाली बोरी उठाई और पीछे से आतंकी पर झपट पड़ा। झड़प के दौरान आरिफ ने आतंकी के हाथ से राइफल छीन ली और उसे जमीन पर गिरा दिया। यह सब कुछ चंद सेकंड में हुआ।

राइफल छीनी, और…

राइफल Terror Attack के हाथ से छीनने के बाद, आरिफ ने शोर मचाया जिससे आसपास के लोग सतर्क हो गए और पास में मौजूद सुरक्षा बलों को फौरन अलर्ट मिला। सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों आतंकियों को मार गिराया। अगर आरिफ यह साहसिक कदम न उठाता, तो आतंकियों को और भी लोगों को नुकसान पहुंचाने का मौका मिल सकता था।

कई लोगों की जान बची

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, Terror Attack का इरादा एक बड़ा हमला करने का था। उनके पास गोला-बारूद भी था और उन्होंने पहले से योजना बना रखी थी। लेकिन आरिफ की बहादुरी और सूझबूझ ने न केवल हमला विफल कर दिया बल्कि दर्जनों लोगों की जान भी बचाई।

सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है तारीफ़

जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर आरिफ को ‘रियल हीरो’ कहकर सम्मानित किया जाने लगा। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हजारों लोगों ने उसकी बहादुरी की तारीफ की। कई लोगों ने यह भी कहा कि आरिफ जैसे लोग ही असली कश्मीरियत के प्रतीक हैं — जो नफरत नहीं, मोहब्बत और बहादुरी का पैगाम देते हैं।

सरकार और सेना ने सराहा

केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आरिफ की बहादुरी को सलाम किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे सम्मानित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भी आरिफ को आर्थिक मदद और सुरक्षा देने का भरोसा दिया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा, “आरिफ जैसे नागरिक हमारे लिए गर्व की बात हैं। उन्होंने साबित किया कि आतंकियों को कश्मीर में कोई समर्थन नहीं है।”

परिवार का कहना: हमें गर्व है

आरिफ के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें हमारे बेटे पर गर्व है। उसने जो किया, वो किसी भी इंसान की जान बचाने के लिए किया। हम नहीं चाहते कि कश्मीर को कोई और खून में डुबोए।” आरिफ की माँ ने नम आँखों से कहा, “डर तो था, लेकिन मेरे बेटे ने जो किया वो सिर्फ बहादुर ही कर सकता है।”


निष्कर्ष

पहा‍लगाम Terror Attack में जहाँ एक ओर आतंकियों ने दहशत फैलाने की कोशिश की, वहीं आरिफ जैसे साहसी युवक ने यह साबित कर दिया कि आतंक के सामने झुकना कश्मीरियों की फितरत नहीं है। उसकी निडरता और मानवता ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया। यह घटना न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई है। ऐसे लोगों के कारण ही देश की आत्मा जिंदा है।

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