Now Live News

Nav Samvatsar पर संस्कारों की शुरुआत: बच्चों को कराएं अपनी परंपराओं से रूबरू 2025

Nav Samvatsar पर संस्कारों की शुरुआत: बच्चों को कराएं अपनी परंपराओं से रूबरू

भारत एक सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध देश है, जहाँ हर त्योहार और परंपरा जीवन को एक नई दिशा देने का संदेश देती है। इन्हीं महत्वपूर्ण अवसरों में से एक हैNav Samvatsar, जिसे भारतीय Nav Samvatsar के रूप में मनाया जाता है। यह केवल एक नया साल शुरू होने का संकेत नहीं है, बल्कि हमारे रीति-रिवाजों, संस्कारों और जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का भी समय होता है। आज के आधुनिक युग में, जब बच्चे पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं, तब उन्हें अपनी संस्कृति, परंपराओं और संस्कारों से परिचित कराना बहुत जरूरी हो गया है।

Nav Samvatsar का शुभारंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को होता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार नया वर्ष कहलाता है। इस दिन से ही वसंत ऋतु का आगमन माना जाता है और इसे भारतीय संस्कृति में अत्यंत शुभ माना गया है। इसी दिन से भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, और इसीलिए इसे सृष्टि का प्रारंभ भी कहा जाता है। आइए, जानते हैं कि किस तरह हमNav Samvatsar के अवसर पर अपने बच्चों को संस्कारों से जोड़ सकते हैं और उन्हें अपनी जड़ों की ओर लौटा सकते हैं।


1. बच्चों को भारतीयNav Samvatsar का महत्व समझाएं

आजकल बच्चे ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को नया साल मनाने के आदी हो गए हैं, लेकिन उन्हें यह बताना जरूरी है कि भारतीय Nav Samvatsar प्राकृतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर आधारित होता है। यह ऋतु परिवर्तन और सौर-मंडल के अनुसार निर्धारित होता है, जबकि 1 जनवरी का नया साल सिर्फ कैलेंडर पर आधारित एक गणितीय गणना का परिणाम है। बच्चों को इस नवसंवत्सर की वैज्ञानिक और आध्यात्मिक गहराई से परिचित कराना जरूरी है ताकि वे गर्व के साथ इसे अपना सकें।


2. घर में पारंपरिक रूप से Nav Samvatsar मनाएं

बच्चे जो कुछ देखते हैं, वही सीखते हैं। इसलिए उन्हें Nav Samvatsar की परंपराओं से जोड़ने के लिए इसे घर में पारंपरिक रूप से मनाएं। यह कुछ तरीकों से किया जा सकता है:

  • सुबह स्नान कर भगवान की पूजा-अर्चना करें और परिवार के सभी सदस्य मिलकर मंगल कामनाएँ करें।
  • घर के दरवाजे पर आम के पत्तों का तोरण और रंगोली बनाएं, जिससे बच्चों को भारतीय साज-सज्जा की कला का ज्ञान मिले।
  • केसर और गुड़ से बने मीठे पकवान बनाएं और बच्चों को इनका धार्मिक महत्व समझाएं।
  • सूर्य को अर्घ्य दें और संकल्प लें कि इस नए वर्ष में अपने अच्छे गुणों को बढ़ाएंगे।

3. बच्चों को रामायण और महाभारत की कथाएँ सुनाएं

भारतीय संस्कृति में हमारे महाकाव्य रामायण और महाभारत का विशेष महत्व है। Nav Samvatsar का यह अवसर बच्चों को इन पवित्र ग्रंथों की कहानियाँ सुनाने और उनके आदर्श चरित्रों से परिचित कराने का सुनहरा मौका है।

  • श्रीराम के आदर्श, माता सीता का त्याग, हनुमानजी की भक्ति और अर्जुन की निष्ठा जैसी कहानियाँ बच्चों को प्रेरित करेंगी।
  • ये कथाएँ बच्चों में नैतिक मूल्यों, कर्तव्यपरायणता और धर्म के प्रति आस्था को विकसित करेंगी।

4. बच्चों को पंचांग पढ़ने की आदत डालें

आजकल की पीढ़ी अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर चलती है, लेकिन भारतीय पंचांग का ज्ञान होना भी उतना ही आवश्यक है। पंचांग न केवल तिथियों का ज्ञान कराता है, बल्कि इसमें दिन, वार, नक्षत्र, योग, करण, ग्रहों की स्थिति और शुभ-अशुभ समय की जानकारी होती है।

  • बच्चों को सिखाएं कि कैसे पंचांग पढ़कर वे शुभ कार्यों का निर्धारण कर सकते हैं।
  • यह उन्हें वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भारतीय संस्कृति के करीब लाएगा

5. परंपरागत खेलों और लोककथाओं से जोड़ें

बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़ने का एक और तरीका है पुराने खेलों और लोककथाओं की ओर लौटना।

  • पुराने जमाने में बच्चे कबड्डी, गिल्ली-डंडा, पिट्ठू और रस्सी कूद जैसे खेल खेलते थे, जो न केवल मनोरंजन प्रदान करते थे बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक होते थे।
  • बच्चों को **

वो सीमा जिसे नहीं लांघना: Overeating के नुकसान 

Leave a Comment