Anurag Kashyap की बयानबाजी पर एकता कपूर का पलटवार, बोलीं – ‘खुद का पैसा इस्तेमाल करें’!
बॉलीवुड में अक्सर बयानों को लेकर विवाद खड़े होते रहते हैं, और इस बार मशहूर फिल्म निर्माता Anurag Kashyap और एकता कपूर के बीच बयानबाजी चर्चा का विषय बन गई है। Anurag Kashyap , जो अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने बड़े प्रोडक्शन हाउस और निर्माताओं पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे सिर्फ मुनाफे के पीछे भागते हैं और सिनेमा के असली स्वरूप को नजरअंदाज कर रहे हैं।
इस बयान के बाद, एकता कपूर ने Anurag Kashyap को करारा जवाब दिया और कहा, “अगर आपको सिनेमा का असली स्वरूप बनाए रखना है, तो अपनी फिल्मों के लिए खुद का पैसा इस्तेमाल करें।” उनका यह बयान सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में जमकर वायरल हो रहा है, जिससे यह बहस और तेज हो गई है।

क्या कहा था Anurag Kashyap ने?
Anurag Kashyap हमेशा अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि बॉलीवुड में अब रचनात्मकता से ज्यादा व्यापार को महत्व दिया जाता है। उनकी नजर में बड़े प्रोडक्शन हाउस सिर्फ उन फिल्मों में पैसा लगा रहे हैं जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन कर सकती हैं, लेकिन वे सिनेमा की कला और मूल भावनाओं को पीछे छोड़ रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि,
“आजकल फिल्म इंडस्ट्री में बड़े बजट की फिल्मों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, और स्वतंत्र सिनेमा को सपोर्ट करने वाला कोई नहीं है। छोटे बजट की अच्छी कहानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। एकता कपूर और अन्य बड़े निर्माता सिर्फ वही फिल्में बना रहे हैं जिनसे उन्हें मुनाफा हो।”
एकता कपूर का जवाब – ‘खुद का पैसा लगाएं!’
एकता कपूर, जो कि बॉलीवुड और ओटीटी इंडस्ट्री की एक बड़ी नामचीन हस्ती हैं, ने Anurag Kashyap के इन आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा,
“हर कोई अपनी मेहनत की कमाई से फिल्म बनाता है और उसे सफल बनाना चाहता है। कोई भी अपने पैसों को ऐसे प्रोजेक्ट्स में नहीं लगाएगा जिससे सिर्फ नुकसान हो। अगर अनुराग कश्यप को सिनेमा की कला को बचाना ही है, तो वे अपनी फिल्मों के लिए खुद फंडिंग करें और रिस्क लें।”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। एकता कपूर ने यह भी कहा कि,
“मैंने हमेशा उन फिल्मों को समर्थन दिया है, जिनमें कुछ अलग करने की हिम्मत थी। ओटीटी पर भी हम नए निर्देशकों और कंटेंट क्रिएटर्स को मौका दे रहे हैं। लेकिन सिर्फ आर्ट के नाम पर बेकार की चीजों में पैसा लगाना कोई समझदारी नहीं होगी।”
बॉलीवुड में इस बयानबाजी पर क्या प्रतिक्रिया है?
बॉलीवुड में इस बयानबाजी को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग Anurag Kashyap के समर्थन में हैं और मानते हैं कि उन्होंने सही मुद्दा उठाया है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि एकता कपूर की बात भी जायज है।

- करण जौहर, जो खुद बड़े बजट की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, ने कहा, “सिनेमा में हर तरह की फिल्में बनती हैं, लेकिन बिजनेस भी जरूरी होता है। अगर फिल्में नहीं चलेंगी तो इंडस्ट्री का क्या होगा?”
- अभिनेत्री स्वरा भास्कर, जो अक्सर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं, ने Anurag Kashyap का समर्थन करते हुए कहा, “हमारे देश में स्वतंत्र सिनेमा के लिए बहुत कम मौके हैं, और बड़े प्रोडक्शन हाउस को इसे सपोर्ट करना चाहिए।”
- राजकुमार राव, जो खुद कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों का हिस्सा रहे हैं, ने कहा, “मुझे लगता है कि दोनों की बातों में सच्चाई है। कला और बिजनेस में संतुलन बनाना जरूरी है।”
सोशल मीडिया पर बहस तेज
सोशल मीडिया पर भी इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फिल्म प्रेमियों ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखनी शुरू कर दी है।
- @RohitFilmLover: “Anurag Kashyap सही कह रहे हैं! बॉलीवुड में अब सिर्फ पैसा देखा जा रहा है, कंटेंट नहीं।”
- @NehaBollywoodFan: “एकता कपूर का जवाब बिल्कुल सही है! कोई भी अपने पैसे को ऐसे प्रोजेक्ट्स में नहीं लगाएगा जो चले ही न।”
- @SiddharthCinephile: “फिल्म इंडस्ट्री में बिजनेस और आर्ट दोनों जरूरी हैं, दोनों को बैलेंस करके चलना होगा।”
क्या यह बहस आगे और बढ़ेगी?
फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह की बहसें नई नहीं हैं। पहले भी कई बार कंटेंट बनाम कमर्शियल सिनेमा को लेकर विवाद होते रहे हैं। Anurag Kashyap ने हमेशा स्वतंत्र सिनेमा को सपोर्ट किया है और बड़े प्रोडक्शन हाउस की आलोचना की है, जबकि एकता कपूर जैसी निर्माता व्यावसायिक सिनेमा को बढ़ावा देती रही हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या इस बहस में अन्य फिल्म निर्माता और कलाकार भी अपनी राय रखेंगे या फिर यह विवाद यहीं थम जाएगा। लेकिन इतना तय है कि यह बहस आने वाले दिनों में भी सुर्खियों में बनी रहेगी।
निष्कर्ष
बॉलीवुड हमेशा से कला और व्यापार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता रहा है। Anurag Kashyap और एकता कपूर की यह बहस इसी मुद्दे को लेकर है – क्या सिनेमा सिर्फ कला के लिए होना चाहिए या फिर इसका व्यावसायिक पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है?
इस विवाद ने एक बार फिर इस चर्चा को हवा दे दी है कि क्या बड़े प्रोडक्शन हाउस को स्वतंत्र फिल्मों को भी बढ़ावा देना चाहिए या फिर उन्हें सिर्फ मुनाफे वाली फिल्मों पर ही ध्यान देना चाहिए। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि इस बहस में कौन-कौन शामिल होता है और इसका अंजाम क्या होता है!
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