Modi के नाम पर जीत जाते हैं फिल्मी सितारे और नेता, जया बच्चन ने कहा – पीएम की लोकप्रियता का कोई तोड़ नहीं!
भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र Modiकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। वे न केवल अपनी पार्टी के लिए एक मज़बूत चेहरा हैं, बल्कि कई अन्य राजनीतिक उम्मीदवारों की जीत में भी उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी (सपा) की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “Modi के नाम पर फिल्मी सितारे और अन्य नेता आसानी से चुनाव जीत जाते हैं, क्योंकि उनकी लोकप्रियता का कोई तोड़ नहीं है।”
यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया और सोशल मीडिया पर भी इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली।

क्या कहा जया बच्चन ने?
जया बच्चन ने अपने बयान में इशारों-इशारों में कहा कि भारतीय राजनीति में कई फिल्मी सितारे और चर्चित हस्तियां सिर्फ इसलिए चुनाव जीत जाती हैं क्योंकि वे “Modi लहर” का फायदा उठाते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री Modi की लोकप्रियता अपार है और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।
उनके शब्दों में:
“आज के दौर में अगर कोई भी नेता या सेलिब्रिटी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ता है, तो Modiजी के नाम पर जीत जाता है। पीएम मोदी की लोकप्रियता का मुकाबला करना आसान नहीं है।”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोकप्रियता और राजनीति में अच्छा प्रदर्शन दो अलग-अलग चीजें हैं। सिर्फ Modi के नाम पर चुनाव जीतना आसान हो सकता है, लेकिन राजनीति में टिके रहना और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

फिल्मी सितारों का राजनीति में दबदबा
भारतीय राजनीति में फिल्मी सितारों का खासा प्रभाव रहा है। कई बॉलीवुड और टॉलीवुड कलाकार राजनीति में अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं। इनमें से कई नेता प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का फायदा उठाकर चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं।
कुछ प्रमुख उदाहरण:
- हेमामालिनी (BJP) – मथुरा से दो बार सांसद बनीं।
- स्मृति ईरानी (BJP) – टीवी इंडस्ट्री से राजनीति में आईं, अमेठी में राहुल गांधी को हराया।
- किरण खेर (BJP) – चंडीगढ़ से सांसद बनीं।
- मनोज तिवारी (BJP) – भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से आए और दिल्ली में सांसद बने।
- रवि किशन (BJP) – भोजपुरी सुपरस्टार, गोरखपुर से सांसद।
इनमें से कई नेताओं की राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद उन्होंने चुनाव में भारी जीत दर्ज की, जिसे मोदी लहर का असर माना जाता है।
जया बच्चन का राजनीति में अनुभव
जया बच्चन खुद समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद हैं। हालांकि वे ज्यादा चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहतीं, लेकिन संसद में उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व देखा जाता है।
- वे 2004 से समाजवादी पार्टी से जुड़ी हुई हैं और राज्यसभा की सदस्य हैं।
- कई बार उन्होंने महिला अधिकारों और सामाजिक मुद्दों पर संसद में आवाज उठाई है।
- बीजेपी और मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करने से भी वे पीछे नहीं रहतीं।
हालांकि, इस बार उनके बयान ने थोड़ा अलग संकेत दिया। उन्होंने भले ही मोदी सरकार की आलोचना नहीं की, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उनकी अभूतपूर्व लोकप्रियता को स्वीकार किया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
जया बच्चन के इस बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं।
- बीजेपी समर्थकों ने इसे मोदी जी की लोकप्रियता का प्रमाण बताया।
- विपक्षी दलों ने कहा कि यह सिर्फ “ब्रांड मोदी” की मार्केटिंग है, असल में सरकार की नीतियों की पोल खुल रही है।
- कुछ लोगों ने यह भी कहा कि जया बच्चन का यह बयान बॉलीवुड से जुड़े नेताओं पर भी कटाक्ष हो सकता है।
ट्विटर/X पर कुछ चर्चित प्रतिक्रियाएं: “अगर मोदी जी की लोकप्रियता इतनी ज्यादा है, तो विपक्ष बार-बार चुनाव हार क्यों रहा है?”
“जया बच्चन ने सच कहा, मोदी लहर में चुनाव जीतना आसान है, लेकिन जनता का दिल जीतना मुश्किल।”
“क्या यह समाजवादी पार्टी की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से मोदी जी की तारीफ थी?”

क्या Modi लहर का असर अभी भी है?
2014 और 2019 के आम चुनावों में Modi लहर का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखा। बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता चरम पर रही।
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी यह चर्चा हो रही है कि क्या “Modi फैक्टर” अब भी काम करेगा?
बीजेपी की स्थिति मज़बूत क्यों?
- Modi सरकार की योजनाएं जैसे “आयुष्मान भारत”, “उज्ज्वला योजना”, “डिजिटल इंडिया”, “मेक इन इंडिया” ने आम जनता के बीच सरकार की पकड़ मजबूत बनाई।
- हिंदुत्व कार्ड और राष्ट्रवाद का मुद्दा भी बीजेपी के पक्ष में जाता है।
- आधुनिक नेतृत्व शैली और वैश्विक स्तर पर मोदी जी की पहचान ने भी जनता में भरोसा पैदा किया है।
विपक्ष को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?
- बिखरा हुआ गठबंधन – विपक्षी दल एकजुट नहीं हैं।
- नेतृत्व की कमी – विपक्ष के पास कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है जो मोदी के बराबर खड़ा हो सके।
- जनता के बीच पकड़ – विपक्षी दलों को जनता से जुड़ने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी।
निष्कर्ष
जया बच्चन का बयान कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र Modiकी लोकप्रियता अभी भी अटूट बनी हुई है। हालांकि, यह भी सच है कि सिर्फ किसी के नाम पर चुनाव जीतना काफी नहीं होता, बल्कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना भी जरूरी है।
आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई “मोदी लहर” फिर से असर दिखाएगी, या विपक्ष कोई नया राजनीतिक समीकरण बना पाएगा।
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