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रायसीना डायलॉग 2025: 125 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल, New Zealand के पीएम पहुंचे दिल्ली2025

रायसीना डायलॉग 2025: 125 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल, New Zealand के पीएम पहुंचे दिल्ली

भारत की राजधानी नई दिल्ली इस समय रायसीना डायलॉग 2025 की मेजबानी कर रही है, जो वैश्विक राजनीति, कूटनीति और रणनीतिक मामलों पर चर्चा के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मंचों में से एक बन चुका है। इस वर्ष के संस्करण में 125 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह आयोजन पहले की तुलना में और भी भव्य और महत्वपूर्ण हो गया है। इस प्रतिष्ठित डायलॉग में New Zealand के प्रधानमंत्री समेत कई वैश्विक नेता, नीति निर्माता, रक्षा विशेषज्ञ, व्यापारिक हस्तियां और शिक्षाविद भाग ले रहे हैं।

रायसीना डायलॉग: एक परिचय

रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख बहुपक्षीय सम्मेलन है, जिसे विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया जाता है। New Zealand यह डायलॉग पहली बार 2016 में शुरू किया गया था और तब से हर साल भारत में इसका आयोजन किया जाता है। New Zealand इस मंच का उद्देश्य वैश्विक कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, भू-राजनीति और आर्थिक विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है।

इस साल के रायसीना डायलॉग की मुख्य थीम

हर साल इस सम्मेलन में एक विशेष थीम रखी जाती है, जो दुनिया में बदलती परिस्थितियों और रणनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है। 2025 के रायसीना डायलॉग की मुख्य थीम “वैश्विक सहयोग और नई चुनौतियां” (Global Cooperation and Emerging Challenges) है। इस विषय के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति, सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को लेकर चर्चा की जाएगी।

125 देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी

इस साल 125 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रायसीना डायलॉग को और अधिक महत्वपूर्ण बना रही है। इनमें विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष, विदेश मंत्री, राजदूत, रक्षा विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं।

कुछ प्रमुख हस्तियां जो इस डायलॉग में भाग ले रही हैं:

  • New Zealand के प्रधानमंत्री
  • ब्रिटेन के विदेश मंत्री
  • अमेरिका के रक्षा अधिकारी
  • यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि
  • संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी

New Zealand के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए New Zealand के प्रधानमंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनकी इस यात्रा को भारत और New Zealand के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा होने की संभावना है।

New Zealand भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। New Zealand के प्रधानमंत्री इस डायलॉग में ग्लोबल सिक्योरिटी, आर्थिक स्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे।

रायसीना डायलॉग 2025 में प्रमुख चर्चा के विषय

इस साल के रायसीना डायलॉग में कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें शामिल हैं:

  1. वैश्विक सुरक्षा चुनौतियां: आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और सैन्य गठबंधनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
  2. अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था: दुनिया भर में आर्थिक अस्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होगी।
  3. जलवायु परिवर्तन और सतत विकास: जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  4. भारत की वैश्विक भूमिका: भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका और उसकी कूटनीतिक नीतियों पर चर्चा होगी।
  5. तकनीकी विकास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): डिजिटल युग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य तकनीकी नवाचारों का प्रभाव।

भारत के लिए रायसीना डायलॉग का महत्व

भारत के लिए रायसीना डायलॉग सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन नहीं बल्कि अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दिखाने का एक महत्वपूर्ण मंच भी है। New Zealand इस आयोजन के जरिए भारत को विभिन्न वैश्विक नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ बातचीत करने और अपनी विदेश नीति को मजबूती से प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।

इसके अलावा, यह मंच भारत के रणनीतिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है, जिससे देश को वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

रायसीना डायलॉग 2025 वैश्विक कूटनीति और रणनीतिक चर्चाओं का एक प्रमुख मंच बन गया है, जिसमें दुनिया के 125 देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी इसे और भी प्रभावशाली बना रही है। इस साल New Zealand के प्रधानमंत्री समेत कई अंतरराष्ट्रीय नेता इसमें शामिल हो रहे हैं, जिससे यह डायलॉग और भी महत्वपूर्ण बन गया है।

भारत के लिए यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका को मजबूत करने, नई साझेदारियों को विकसित करने और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार रखने का बेहतरीन अवसर है। आने वाले दिनों में इस डायलॉग में होने वाली चर्चाएं और लिए गए निर्णय वैश्विक राजनीति और कूटनीति को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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