सियोल में सियासी भूचाल: President यून सुक योल की बर्खास्तगी के बाद देश में राजनीतिक हलचल तेज
दक्षिण कोरिया में हाल ही में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। संवैधानिक न्यायालय ने President यून सुक-योल को उनके पद से हटा दिया है, जिससे देश में उथल-पुथल मच गई है। यह निर्णय उनके द्वारा दिसंबर 2024 में घोषित मार्शल लॉ के कारण आया, जिसे अदालत ने संविधान का गंभीर उल्लंघन करार दिया।
President यून ने दावा किया था कि देश की सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता बनाए रखने के लिए मार्शल लॉ आवश्यक था। हालांकि, विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने इसे लोकतंत्र पर खतरा बताया। संसद ने भी उनके इस कदम का विरोध किया और उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया।

संवैधानिक न्यायालय ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा किPresident द्वारा लिया गया यह निर्णय सत्ता के दुरुपयोग और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ था। अदालत के इस निर्णय के बाद दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। यून सुक-योल के समर्थकों और विरोधियों के बीच देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
अब संवैधानिक प्रक्रिया के तहत 60 दिनों के भीतर नए President का चुनाव कराया जाएगा। इस राजनीतिक संकट से निपटने के लिए सरकार को त्वरित और ठोस कदम उठाने होंगे। इस फैसले से दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र की मजबूती का संकेत मिलता है, लेकिन देश को स्थिरता की ओर ले जाने के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण होगी।
घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण
दिसंबर 2024 में, दक्षिण कोरियाई President यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लागू करने का निर्णय लिया। उन्होंने दावा किया कि उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे और आंतरिक राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए यह कदम आवश्यक था। हालांकि, उनके इस फैसले का देशभर में विरोध हुआ।
दक्षिण कोरिया की संसद, नेशनल असेंबली, ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए अवैध घोषित कर दिया और तुरंत रद्द करने का आदेश दिया। इसके बाद, President यून को उनके पद से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।

संवैधानिक न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा कि यह निर्णय सत्ता के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण था। इस फैसले के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है, और नागरिकों के बीच विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। अब अगले 60 दिनों के भीतर नए President के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे देश को स्थिरता की ओर ले जाने की उम्मीद है।
अदालत का निर्णय और उसके प्रभाव
संवैधानिक न्यायालय ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि President यून का मार्शल लॉ लागू करना असंवैधानिक था और उन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। अदालत ने यह भी पाया कि उन्होंने सेना का उपयोग करके संसद की गतिविधियों में हस्तक्षेप किया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
President की बर्खास्तगी के बाद, देश में राजनीतिक विभाजन गहरा हो गया है। उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, लगभग 60% नागरिक इस निर्णय का समर्थन करते हैं, जबकि शेष असंतुष्ट हैं।

आगामी चुनाव और संभावित उम्मीदवार
संविधान के अनुसार, नए President का चुनाव 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं, हालांकि वे भी कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
President यून सुक-योल की बर्खास्तगी दक्षिण कोरिया के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह निर्णय दर्शाता है कि देश में संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान सर्वोपरि है। आने वाले दिनों में, देश को राजनीतिक स्थिरता और नागरिकों के विश्वास को पुनः स्थापित करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।
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