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rahul-gandhi का EC पर तंज: ‘क्यों बैचेन है BJP?’, कांग्रेस का दावा- ‘सत्ताधारी दल को उसकी हकीकत दिखाना जरूरी 2025

rahul-gandhi का EC पर तंज: ‘क्यों बैचेन है BJP?’, कांग्रेस का दावा- ‘सत्ताधारी दल को उसकी हकीकत दिखाना जरूरी

नई दिल्ली, [वर्तमान दिनांक]: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच, देश की राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। इस चुनावी माहौल में, जहां एक ओर राजनीतिक दल अपनी-अपनी उपलब्धियों और योजनाओं को जनता के सामने रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका पर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष rahul-gandhi ने हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग (EC) के कामकाज पर परोक्ष रूप से सवाल उठाते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कथित ‘बेचैनी’ पर तंज कसा है। राहुल गांधी के इस बयान को कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन मिला है, और पार्टी ने इसे ‘सत्ताधारी दल को उसकी हकीकत दिखाने’ के लिए आवश्यक बताया है।

rahul-gandhi का तंज: ‘भाजपा इतनी बैचेन क्यों है?’

rahul-gandhi ने अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कई बार चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर अप्रत्यक्ष टिप्पणियां की हैं। हालिया टिप्पणियों में से एक में, उन्होंने भाजपा की प्रतिक्रियाओं और मौजूदा स्थिति को देखते हुए सवाल उठाया कि आखिर ‘ये भाजपा इतनी बैचेन क्यों हो रही है?’ हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर इस बेचैनी को चुनाव आयोग के किसी विशिष्ट कार्य से नहीं जोड़ा, लेकिन उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल लगातार चुनाव आयोग पर निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

rahul-gandhi का यह तंज कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह संकेत देता है कि कांग्रेस पार्टी मानती है कि चुनाव आयोग के संदर्भ में या चुनावी प्रक्रिया में कुछ ऐसा हो रहा है जिससे भाजपा पर दबाव बन रहा है या वह असहज महसूस कर रही है। यह बेचैनी चुनाव आयोग द्वारा लिए गए किसी ऐसे निर्णय से संबंधित हो सकती है जो भाजपा के हित में न हो, या फिर यह इस बात का संकेत हो सकता है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल चुनाव आयोग से संबंधित जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, वे भाजपा को असहज कर रहे हैं। यह भी संभव है कि rahul-gandhi यह कहकर यह संदेश देना चाह रहे हों कि भाजपा को शायद चुनाव आयोग से वैसी अनुकूल परिस्थितियां नहीं मिल रही हैं जैसी वह उम्मीद कर रही थी, या फिर चुनावी मैदान में उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है जिससे उनकी बेचैनी बढ़ रही है।

कांग्रेस का दावा: ‘सत्ताधारी दल को उसकी हकीकत दिखाना जरूरी’

rahul-gandhi के इस बयान के बाद, कांग्रेस पार्टी ने खुलकर उनका बचाव किया और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन किया। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं और नेताओं ने जोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार विपक्षी दल के तौर पर, उनका यह कर्तव्य है कि वे सत्ताधारी दल की गतिविधियों और देश की संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज पर सवाल उठाएं, खासकर तब जब पारदर्शिता या निष्पक्षता को लेकर संदेह उत्पन्न हो।

कांग्रेस का दावा है कि ‘सत्ताधारी दल को उसकी हकीकत दिखाना जरूरी’ है। इस ‘हकीकत’ से उनका तात्पर्य भाजपा द्वारा कथित तौर पर सत्ता का दुरुपयोग, संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाने का प्रयास, चुनावी लाभ के लिए किए जा रहे हथकंडे और विपक्ष को दबाने की कोशिशों से है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब सत्ता में बैठी पार्टी अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं को प्रभावित करने का प्रयास करती है, तो विपक्ष का यह दायित्व बन जाता है कि वह इन मुद्दों को जनता के सामने लाए और सत्ताधारी दल को आईना दिखाए।

कांग्रेस का तर्क है कि चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर सवाल उठाना उन्हें कमजोर करना नहीं, बल्कि उनकी गरिमा और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उनका कहना है कि यदि चुनाव प्रक्रिया में कहीं भी कोई कमी या संदेह पैदा होता है, तो उस पर सवाल उठाना जनता के प्रति विपक्ष की जवाबदेही है। भाजपा की ‘

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