Siri अपग्रेड में देरी: क्या AI में भी 2007 जैसा जादू दोहरा पाएगा Apple?
Apple, जिसे इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए जाना जाता है, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहा है। 2007 में जब कंपनी ने पहला iPhone लॉन्च किया था, तब इसने पूरी मोबाइल इंडस्ट्री को बदल दिया था। लेकिन आज, जब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, Apple की AI असिस्टेंट Siri अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में पिछड़ती नज़र आ रही है।
Siri के अपग्रेड में हो रही देरी ने टेक जगत में कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या Apple एक बार फिर से 2007 जैसा जादू दिखा पाएगा? क्या यह OpenAI, Google और Microsoft जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर पाएगा, जो पहले से ही एडवांस्ड AI चैटबॉट्स और वॉयस असिस्टेंट्स पर काम कर रहे हैं?

Siri: शुरुआत में क्रांति, लेकिन अब पिछड़ती हुई?
Siri को 2011 में iPhone 4S के साथ पेश किया गया था, और यह अपनी तरह की पहली वॉयस असिस्टेंट थी, जिसने स्मार्टफोन यूजर्स को एक नया अनुभव दिया। उस समय यह टेक्नोलॉजी बहुत एडवांस मानी जाती थी, क्योंकि इससे यूजर्स वॉयस कमांड के जरिए कॉल कर सकते थे, मैसेज भेज सकते थे और जानकारी प्राप्त कर सकते थे।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, Siri की डेवलपमेंट स्पीड धीमी पड़ गई है, जबकि Google Assistant, Amazon Alexa और OpenAI के ChatGPT जैसे AI टूल्स ने जबरदस्त उन्नति कर ली है।
AI की दुनिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
आज AI असिस्टेंट्स सिर्फ वॉयस कमांड को समझने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे मशीन लर्निंग और जनरेटिव AI की मदद से इंसानों के साथ बातचीत करने में सक्षम हो गए हैं।
- ChatGPT (OpenAI) – यह टेक्स्ट बेस्ड AI मॉडल है, जो इंसानों की तरह सवालों का जवाब दे सकता है, कोड लिख सकता है, क्रिएटिव कंटेंट जनरेट कर सकता है और जानकारी प्रोसेस कर सकता है।
- Google Gemini (पूर्व में Bard) – यह Google का लेटेस्ट AI मॉडल है, जो Deep Learning और इंटरनेट एक्सेस की मदद से रियल-टाइम में सटीक जानकारी देता है।
- Amazon Alexa – Alexa न सिर्फ वॉयस कमांड एक्सेक्यूट कर सकता है, बल्कि स्मार्ट होम कंट्रोल में भी सबसे आगे है।
- Microsoft Copilot – यह AI आधारित पर्सनल असिस्टेंट है, जो Windows और Microsoft 365 के साथ इंटीग्रेटेड है।
Apple की Siri अभी भी इन्हीं पारंपरिक वॉयस असिस्टेंट फीचर्स तक सीमित है, और यही वजह है कि यह AI की इस नई रेस में पिछड़ती हुई दिखाई दे रही है।
Siri के अपग्रेड में देरी क्यों हो रही है?
Apple हमेशा अपनी टेक्नोलॉजी को लेकर सतर्क रहता है और तभी कोई नया फीचर लाता है, जब वह पूरी तरह से परिपक्व हो। लेकिन Siri के मामले में यह सतर्कता अब एक बाधा बनती दिख रही है।

1. जनरेटिव AI में देरी
Apple ने अभी तक अपने जनरेटिव AI मॉडल की कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है, जबकि OpenAI और Google पहले ही इस पर काम कर रहे हैं। यह संभव है कि Apple अपने AI मॉडल को iOS 18 या iPhone 16 सीरीज के साथ पेश करे, लेकिन अभी तक यह केवल एक अनुमान ही है।
2. प्राइवेसी और सिक्योरिटी फोकस
Apple का फोकस हमेशा यूजर प्राइवेसी पर रहा है। Siri को अधिक एडवांस बनाने के लिए Apple को बड़ी मात्रा में डेटा कलेक्ट करना होगा, लेकिन यह उसकी प्राइवेसी पॉलिसी से मेल नहीं खाता। Google और OpenAI की तुलना में Apple डेटा प्रोसेसिंग को पूरी तरह से ऑन-डिवाइस (On-Device) रखना चाहता है, जो AI अपग्रेड में देरी का कारण बन रहा है।
3. सीमित डेवलपर एक्सेस
Google और Microsoft के AI प्लेटफॉर्म्स डेवलपर्स के लिए ओपन हैं, जिससे वे नई AI एप्लिकेशन डेवलप कर सकते हैं। इसके विपरीत, Apple का इकोसिस्टम काफी बंद (Closed) है, जिससे Siri के विकास की गति धीमी हो गई है।
क्या Apple 2007 जैसा कमाल दोहरा सकता है?
2007 में जब Steve Jobs ने पहला iPhone लॉन्च किया था, तो यह मोबाइल टेक्नोलॉजी में एक क्रांति थी। अब सवाल यह है कि क्या Apple AI में भी ऐसा ही कुछ कर पाएगा?
संभावनाएं:
iOS 18 में बड़ा Siri अपग्रेड – रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple अपने अपकमिंग iOS 18 अपडेट में Siri को ज्यादा स्मार्ट बनाने पर काम कर रहा है।
Apple M-Series Chips के साथ AI इंटीग्रेशन – Apple अपने Mac और iPhones के लिए खास Neural Engine विकसित कर रहा है, जो AI प्रोसेसिंग को सुपरफास्ट बना सकता है।
ऑन-डिवाइस AI – Apple का फोकस पूरी तरह से ऑन-डिवाइस AI पर होगा, जिससे Siri ज्यादा तेज और सुरक्षित हो सकती है।

चुनौतियां:
AI में Google और OpenAI से पिछड़ना – Apple अगर तेजी से अपने AI मॉडल्स को डेवलप नहीं करता, तो यह AI रेस में पिछड़ सकता है।
डेवलपर इकोसिस्टम का अभाव – Siri की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि डेवलपर्स इसके लिए कितनी नई एप्लिकेशन बनाते हैं।
यूजर्स की अपेक्षाएं – यूजर्स अब ChatGPT जैसी AI की उम्मीद कर रहे हैं। अगर Apple इसमें देरी करता है, तो यह उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
निष्कर्ष
Siri के अपग्रेड में हो रही देरी ने Apple के AI प्लान्स को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर Apple इस क्षेत्र में इनोवेशन नहीं लाता, तो वह AI रेस में पीछे रह सकता है।
लेकिन, Apple का इतिहास बताता है कि वह कभी भी अधूरी टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं करता। हो सकता है कि Apple एक बार फिर 2007 जैसा क्रांतिकारी कदम उठाए और Siri को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म कर दे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Apple कब और कैसे अपनी AI रणनीति पेश करता है। क्या iOS 18 के साथ हमें एक नई और एडवांस Siri देखने को मिलेगी? या फिर Apple इस बार AI की दौड़ में पिछड़ जाएगा?
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