Trump के टैरिफ का झटका: अमेरिकी बाजार के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के संभावित चुनावी उम्मीदवार डोनाल्ड Trump टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद अब भारतीय शेयर बाजार भी इसकी चपेट में आ गया है। मंगलवार को भारतीय बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के चलते निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ और बाजार में अनिश्चितता का माहौल बन गया है।

अमेरिकी टैरिफ नीति और वैश्विक बाजारों पर असर
डोनाल्ड Trump ने संकेत दिया है कि अगर वे 2024 के चुनाव में जीतते हैं और फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे आयातित वस्तुओं पर 60% तक का टैरिफ लगा सकते हैं। इसके अलावा, चीन से आयातित सामानों पर भारी शुल्क लगाने की भी योजना है। ट्रंप के अनुसार, यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती है।
इस घोषणा के बाद, अमेरिकी शेयर बाजार में डॉव जोन्स, नैस्डैक और एसएंडपी 500 जैसे प्रमुख इंडेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। इस झटके का सीधा असर एशियाई बाजारों पर पड़ा, जिसमें भारतीय बाजार प्रमुख रूप से प्रभावित हुआ।
भारतीय बाजार में गिरावट: सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम
Trump की टैरिफ नीति के चलते भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की घबराहट साफ देखने को मिली। सेंसेक्स 1,200 अंकों से अधिक गिरकर 71,500 के करीब पहुंच गया, जबकि निफ्टी 400 अंकों की गिरावट के साथ 21,650 के स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट के चलते निवेशकों के पोर्टफोलियो को भारी नुकसान हुआ और बाजार में बेचैनी का माहौल बन गया।

किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई?
1. आईटी सेक्टर: अमेरिकी बाजारों से अधिक जुड़े होने के कारण इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी आईटी कंपनियों के शेयरों में 2-3% तक की गिरावट देखी गई। अमेरिका में मंदी की आशंका के कारण आईटी सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव पड़ा।
2. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर: बाजार में गिरावट के चलते बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में भी दबाव रहा। HDFC बैंक, ICICI बैंक, SBI और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
3. मेटल और ऑटो सेक्टर: वैश्विक व्यापार तनाव के कारण मेटल और ऑटो सेक्टर पर भी असर पड़ा। टाटा स्टील, JSW स्टील, मारुति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
4. रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर: इस सेक्टर में भी बिकवाली का दबाव देखने को मिला। DLF, Godrej Properties और Larsen & Toubro के शेयरों में गिरावट रही।
निवेशकों को भारी नुकसान
इस गिरावट के कारण बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों में घबराहट का माहौल बना हुआ है और वे अपने निवेश को लेकर सतर्क हो गए हैं। छोटे निवेशकों को इस गिरावट से सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
बाजार में गिरावट के मुख्य कारण
- Trump की टैरिफ नीति: अमेरिका द्वारा चीन समेत अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगाने की योजना।
- अमेरिकी बाजार में गिरावट: डॉव जोन्स, नैस्डैक और एसएंडपी 500 में तेज गिरावट का असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
- वैश्विक मंदी की आशंका: टैरिफ बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे मंदी की आशंका बढ़ रही है।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी निवेशक (FII) बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार में दबाव बना हुआ है।
- डॉलर इंडेक्स में मजबूती: अमेरिकी डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर हो रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों की भागीदारी प्रभावित हो रही है।
क्या आगे भी गिरावट जारी रहेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो भारतीय बाजार में भी दबाव बना रह सकता है। हालांकि, बाजार में कुछ तकनीकी सुधार (Technical Correction) की भी संभावना है।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार:
- अगर निफ्टी 21,500 के स्तर से नीचे जाता है, तो और गिरावट देखने को मिल सकती है।
- सेंसेक्स के लिए 71,000 का स्तर अहम है, इससे नीचे जाने पर बिकवाली बढ़ सकती है।
- विदेशी निवेशकों की गतिविधि और अमेरिकी बाजार का रुख अगले कुछ दिनों में बाजार की दिशा तय करेगा।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
- घबराहट में बिकवाली न करें: बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन घबराकर नुकसान में स्टॉक्स बेचना सही रणनीति नहीं है।
- ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश करें: बाजार में गिरावट का फायदा उठाकर रिलायंस, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक जैसी मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश करें।
- स्टॉप-लॉस का उपयोग करें: निवेशकों को स्टॉप-लॉस सेट करके ट्रेडिंग करनी चाहिए ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके।
- लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करें: बाजार की मौजूदा अस्थिरता के बावजूद, लंबी अवधि में अच्छी कंपनियों में निवेश करना फायदेमंद रहेगा।
निष्कर्ष
डोनाल्ड Trump की टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट के चलते निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है और आने वाले दिनों में अमेरिकी नीतियों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और वैश्विक बाजारों के रुख पर बाजार की दिशा निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है और जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बचना चाहिए।