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दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर CAG का चाबुक: 14 अस्पतालों में ICU और एम्बुलेंस का अभाव, मोहल्ला क्लीनिकों की दुर्दशा उजागर

दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर CAG का चाबुक: 14 अस्पतालों में ICU और एम्बुलेंस का अभाव, मोहल्ला क्लीनिकों की दुर्दशा उजागर

नई दिल्ली: दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की एक चौंकाने वाली और चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक हालिया रिपोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में भारी कमियां, कुप्रबंधन और बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में सामने आई जानकारी से दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा के ढांचे पर गंभीर सवाल उठते हैं और सरकार के दावों पर संदेह पैदा होता है।

CAG की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 14 सरकारी अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाई (ICU) की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ICU गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए जीवन रक्षक होता है, और इसकी कमी मरीजों के जीवन के लिए सीधा खतरा है। यह कमी ऐसे समय में सामने आई है जब दिल्ली को अक्सर प्रदूषण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे गंभीर देखभाल की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। रिपोर्ट में इन अस्पतालों के नामों का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि राजधानी के कई अस्पताल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से सुसज्जित नहीं हैं।

इतना ही नहीं, 12 अस्पतालों में एम्बुलेंस की भी उपलब्धता नहीं है, जो आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में बाधा डालती है। एम्बुलेंस की कमी का मतलब है कि सड़क दुर्घटनाओं, दिल के दौरे और अन्य आपात स्थितियों में मरीजों को अस्पताल पहुंचने में अधिक समय लग सकता है, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ सकती है। दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर में, जहां ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है, एम्बुलेंस की उपलब्धता और समय पर पहुंच और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कई एम्बुलेंस पुरानी हैं और उन्हें मरम्मत की आवश्यकता है, जिससे उनकी परिचालन क्षमता प्रभावित होती है।

CAG की रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिकों की दयनीय स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रचारित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कई मोहल्ला क्लीनिकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जैसे कि शौचालय, पीने का पानी और उचित बैठने की व्यवस्था। कुछ क्लीनिकों में तो बिजली और इंटरनेट की सुविधा भी नहीं है, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में बाधा आती है।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि मोहल्ला क्लीनिकों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नहीं हैं, जिससे मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ जाता है और मरीजों को मिलने वाली देखभाल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कुछ क्लीनिकों में दवाइयों और अन्य आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की कमी भी पाई गई, जिससे मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

CAG की रिपोर्ट में उजागर हुई ये कमियां दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के दावों पर सवाल उठाती हैं। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने का दावा किया है, लेकिन CAG की रिपोर्ट से पता चलता है कि जमीनी स्तर पर स्थिति बहुत अलग है। यह देखना होगा कि सरकार इस रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई करती है और दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।

दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार को तत्काल और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, सरकार को उन अस्पतालों में ICU बेड की संख्या बढ़ानी चाहिए जहां इनकी कमी है। सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस उपलब्ध हों, और वे अच्छी तरह से बनाए रखी जाएं। मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति में सुधार के लिए, सरकार को उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नियुक्त करने चाहिए, और दवाइयों और अन्य आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त, सरकार को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना चाहिए। CAG की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए। सरकार को इन कमियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

दिल्ली के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार है। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि सभी नागरिकों को समय पर और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। यदि सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो यह दिल्ली के लोगों के साथ विश्वासघात होगा।

इस मामले पर आगे की जानकारी के लिए बने रहें। हम दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास कर रहे हैं।

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