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Trump का बड़ा फैसला: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के फंड पर लगाई रोक 2025

Trump का बड़ा फैसला: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के फंड पर लगाई रोक

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump एक बार फिर चर्चा में हैं, और इस बार उनका निशाना बना है देश की सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था — हार्वर्ड यूनिवर्सिटी। हाल ही में सामने आए एक फैसले में Trump ने हार्वर्ड को मिलने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के अनुदान को रोकने का निर्णय लिया है, जिसने अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था, राजनीतिक माहौल और विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता पर व्यापक बहस छेड़ दी है।

क्या है मामला?

Trump प्रशासन के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला हालिया बजट समीक्षा और फंडिंग प्राथमिकताओं के पुनर्मूल्यांकन के चलते लिया गया है। Trump का मानना है कि हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित और धन-संपन्न संस्थानों को सरकारी फंडिंग की आवश्यकता नहीं है, खासकर तब जब आम नागरिक और छोटे कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

हालांकि, इस कदम के पीछे सिर्फ आर्थिक तर्क ही नहीं, राजनीतिक और वैचारिक मतभेद भी कारण माने जा रहे हैं। Trump पहले भी हार्वर्ड और अन्य एलिट संस्थानों की आलोचना कर चुके हैं, उन्हें “लिबरल एजेंडा का केंद्र” बताकर। उनका कहना रहा है कि ये संस्थान “फ्री स्पीच” और “कंजरवेटिव विचारधारा” को दबाते हैं।

हार्वर्ड की प्रतिक्रिया

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने Trump के इस कदम पर गंभीर चिंता जताई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि यह फैसला न केवल हार्वर्ड बल्कि पूरे उच्च शिक्षा तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फंड वैज्ञानिक शोध, छात्रवृत्ति, और वैश्विक नवाचार में योगदान के लिए निर्धारित था।

अनुदान की महत्ता

2.2 बिलियन डॉलर का यह अनुदान हार्वर्ड के कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स और अनुसंधानों के लिए बेहद आवश्यक था। इसमें शामिल थे:

  • मेडिकल रिसर्च, खासकर कैंसर और न्यूरोलॉजी से जुड़े प्रोजेक्ट्स
  • स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स, जो गरीब और प्रतिभाशाली छात्रों को मदद देते हैं
  • क्लाइमेट चेंज और ग्रीन टेक्नोलॉजी से जुड़े स्टडीज
  • वैश्विक शांति और मानवाधिकारों पर आधारित कोर्सेस और रिसर्च

Trump की विचारधारा और एजेंडा

डोनाल्ड Trump के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान शिक्षा और उच्च संस्थानों को लेकर उनकी सोच अक्सर विवादों में रही है। उन्होंने बार-बार दावा किया है कि अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में वामपंथी सोच का वर्चस्व है, जिससे छात्रों को एकतरफा विचारधारा की ओर ढकेला जा रहा है।

उनकी नीतियों का मकसद रहा है कि सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल “जनता के हित” में हो, न कि ऐसे संस्थानों को मिले जो पहले से ही अरबों डॉलर के एंडॉवमेंट फंड से लैस हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

Trump के इस फैसले पर राजनीतिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

  • रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता ट्रंप के समर्थन में खड़े हैं और कहते हैं कि यह फैसला “बजट संतुलन और प्राथमिकता तय करने की दिशा में एक साहसी कदम” है।
  • वहीं, **डेमोक्रेटिक पार्टी

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