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पापुआ न्यू गिनी में आया भीषण Earthquake, प्रशासन ने दी सुनामी की चेतावनी 2025

पापुआ न्यू गिनी में आया भीषण Earthquake, प्रशासन ने दी सुनामी की चेतावनी

शनिवार को पापुआ न्यू गिनी में एक भीषण Earthquake ने लोगों को दहला कर रख दिया। इस Earthquake की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.5 मापी गई, जो क्षेत्र के लिए अत्यंत गंभीर मानी जाती है। भूकंप का केंद्र देश के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित था, और इसका प्रभाव आस-पास के कई इलाकों में महसूस किया गया। Earthquake के बाद प्रशासन ने त्वरित रूप से सुनामी की चेतावनी जारी कर दी, जिससे तटीय क्षेत्रों में अफरातफरी मच गई।


Earthquake का केंद्र और प्रभाव

Earthquake का केंद्र पापुआ न्यू गिनी के न्यू ब्रिटेन द्वीप के पास समुद्र के नीचे था। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, Earthquake की गहराई करीब 10 किलोमीटर थी। गहराई कम होने के कारण इसका प्रभाव सतह पर ज्यादा महसूस किया गया।

राजधानी पोर्ट मोरेस्बी सहित कई शहरों और गांवों में झटके इतने तेज़ थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। कई जगहों पर बिजली और संचार सेवाएं बाधित हो गईं। कुछ इमारतों में दरारें भी आई हैं, हालांकि अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।


सुनामी की चेतावनी

Earthquake के तुरंत बाद प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की। नागरिकों से अपील की गई कि वे तटीय इलाकों को खाली कर ऊँचे स्थानों पर चले जाएं। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने भी चेताया कि समुद्र में असामान्य लहरें उठ सकती हैं जो जानलेवा साबित हो सकती हैं।

कुछ जगहों पर समुद्र के किनारे पानी में हलचल देखी गई, जिससे लोग दहशत में आ गए। हालांकि, अब तक किसी बड़े सुनामी की खबर नहीं आई है, फिर भी एहतियात के तौर पर तटवर्ती इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है।


प्रशासन की तत्परता

पापुआ न्यू गिनी सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमों को सक्रिय कर दिया है। हेलीकॉप्टर और नौसेना की मदद से तटीय क्षेत्रों में निगरानी रखी जा रही है। साथ ही, अस्पतालों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटा जा सके।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हमारी पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करने का निर्देश दिया गया है।”


Earthquake की पृष्ठभूमि

पापुआ न्यू गिनी दुनिया के उन क्षेत्रों में आता है, जो “रिंग ऑफ फायर” यानी प्रशांत महासागर की भूकंपीय पट्टी में स्थित है। यह इलाका अक्सर Earthquake और ज्वालामुखी विस्फोटों का केंद्र रहता है। इससे पहले भी 2018 में यहां एक भीषण भूकंप आया था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए थे।

ऐसे क्षेत्र में Earthquake आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसकी तीव्रता और संभावित परिणाम इसे खास बनाते हैं। यही कारण है कि प्रशासन हमेशा आपातकालीन योजनाओं को तैयार रखता है।


लोगों में दहशत

Earthquake के बाद लोगों में डर का माहौल है। कई लोग अपने घरों से बाहर खुले मैदानों में समय बिता रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि झटके इतने तीव्र थे कि दीवारों से चीजें गिरने लगीं और ज़मीन में कंपन महसूस हुआ।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने अचानक ज़मीन हिलती महसूस की और बिजली चली गई। हमें डर था कि कहीं इमारत गिर न जाए, इसलिए हम तुरंत बाहर निकल गए।”


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

पापुआ न्यू गिनी में आए Earthquake पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है। कई देशों ने इस प्राकृतिक आपदा को लेकर चिंता जताई है और ज़रूरत पड़ने पर मदद का प्रस्ताव भी दिया है। ऑस्ट्रेलिया, जो पापुआ न्यू गिनी का पड़ोसी देश है, ने राहत सामग्री और मेडिकल सहायता भेजने की तैयारी कर ली है।

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत एजेंसी ने भी स्थिति पर निगरानी रखते हुए स्थानीय प्रशासन से संपर्क साधा है।


निष्कर्ष

पापुआ न्यू गिनी में आया यह भीषण Earthquake एक बार फिर यह दिखाता है कि प्रकृति की शक्ति के सामने हम कितने असहाय हो सकते हैं। हालांकि अब तक किसी बड़ी जान-माल की हानि की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी यह ज़रूरी है कि प्रशासन पूरी सतर्कता और तैयारी के साथ आगे की कार्रवाई करे।

सुनामी की चेतावनी को देखते हुए नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए। ऐसे समय में सही जानकारी, संयम और एकजुटता ही हमें सुरक्षित रख सकती है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस आपदा से निपटने में सरकार और एजेंसियां कितनी प्रभावी साबित होती हैं।

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