NCERT की किताब में गलतियां: पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र (1000 शब्द)
परिचय:
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) भारत में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकों का निर्माण और प्रकाशन करने वाली सर्वोच्च संस्था है। एनसीईआरटी की किताबें देश भर के लाखों छात्रों द्वारा पढ़ी जाती हैं और शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में एनसीईआरटी की किताबों में गलतियों और त्रुटियों के मामले सामने आए हैं, जिससे शिक्षाविदों, छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ गई है।

हाल ही में, पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष, [विधानसभा अध्यक्ष का नाम], ने पंजाब के शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें एनसीईआरटी की किताबों में पाई गई गलतियों पर प्रकाश डाला गया है। यह मुद्दा पंजाब में एक महत्वपूर्ण बहस का विषय बन गया है, और इस लेख में, हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और इसके निहितार्थों पर विचार करेंगे।
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष का पत्र:
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में शिक्षा मंत्री को http://NCERTNCERT की किताबों में मौजूद तथ्यात्मक त्रुटियों, गलत व्याख्याओं और विवादास्पद सामग्री की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने विशेष रूप से इतिहास, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में पाई गई गलतियों का उल्लेख किया।

अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ये गलतियाँ छात्रों के ज्ञान और समझ को गलत दिशा में ले जा सकती हैं और उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि http://NCERTNCERT की किताबों में गलत जानकारी होने से छात्रों में गलत धारणाएं और पूर्वाग्रह पैदा हो सकते हैं।
उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और एनसीईआरटी की किताबों में सुधार करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाना चाहिए जो एनसीईआरटी की किताबों की समीक्षा करे और उनमें पाई गई गलतियों को दूर करने के लिए सिफारिशें दे।
एनसीईआरटी की किताबों में गलतियों के उदाहरण:
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों के अलावा, एनसीईआरटी की किताबों में गलतियों के कई अन्य उदाहरण भी सामने आए हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं:
- इतिहास की किताबों में गलतियाँ: इतिहास की किताबों में ऐतिहासिक घटनाओं की गलत तिथियां, गलत तथ्य और विवादास्पद व्याख्याएं पाई गई हैं। उदाहरण के लिए, कुछ इतिहासकारों ने एनसीईआरटी की किताबों में मुगल शासकों के चित्रण पर आपत्ति जताई है, उनका मानना है कि उन्हें महिमामंडित किया गया है और भारतीय संस्कृति और इतिहास पर उनके नकारात्मक प्रभाव को कम करके आंका गया है।
- सामाजिक विज्ञान की किताबों में गलतियाँ: सामाजिक विज्ञान की किताबों में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की गलत व्याख्याएं और विवादास्पद चित्रण पाए गए हैं। उदाहरण के लिए, कुछ सामाजिक विज्ञान की किताबों में जाति व्यवस्था और लैंगिक असमानता जैसे मुद्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे छात्रों में गलत धारणाएं पैदा हो सकती हैं।
- विज्ञान की किताबों में गलतियाँ: विज्ञान की किताबों में तथ्यात्मक त्रुटियां, गलत सूत्र और अपूर्ण जानकारी पाई गई है। उदाहरण के लिए, कुछ विज्ञान की किताबों में वैज्ञानिक सिद्धांतों को गलत तरीके से समझाया गया है, जिससे छात्रों को विज्ञान के मूल सिद्धांतों को समझने में कठिनाई हो सकती है।
NCERTकी प्रतिक्रिया:

एनसीईआरटी ने अपनी किताबों में गलतियों के आरोपों का खंडन किया है। एनसीईआरटी का कहना है कि उसकी किताबें विशेषज्ञों द्वारा सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाती हैं और उनमें गलतियों की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, एनसीईआरटी ने यह भी स्वीकार किया है कि कुछ त्रुटियां हो सकती हैं और वह उन्हें दूर करने के लिए तैयार है।
एनसीईआरटी ने कहा है कि वह अपनी किताबों की समीक्षा करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी और यदि कोई गलती पाई जाती है तो उसे सुधारा जाएगा। एनसीईआरटी ने यह भी कहा है कि वह छात्रों और शिक्षकों से अपनी किताबों में गलतियों के बारे में प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष:
एनसीईआरटी की किताबों में गलतियों का मुद्दा एक गंभीर चिंता का विषय है। एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग देश भर के लाखों छात्रों द्वारा किया जाता है, और उनमें गलत जानकारी होने से छात्रों के ज्ञान और समझ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिक्षा मंत्री को लिखा गया पत्र इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है। यह आवश्यक है कि एनसीईआरटी इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और अपनी किताबों में सुधार करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और एनसीईआरटी को अपनी किताबों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करनी चाहिए। छात्रों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना आवश्यक है ताकि वे भविष्य में बेहतर नागरिक बन सकें।
यह भी महत्वपूर्ण है कि शिक्षक और अभिभावक एनसीईआरटी की किताबों में पाई जाने वाली गलतियों के बारे में जागरूक हों और छात्रों को सही जानकारी प्रदान करें। छात्रों को आलोचनात्मक सोच कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वे जानकारी का मूल्यांकन कर सकें और गलत धारणाओं से बच सकें।
एनसीईआरटी की किताबों में सुधार एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। एनसीईआरटी को नियमित रूप से अपनी किताबों की समीक्षा करनी चाहिए और उनमें पाई जाने वाली गलतियों को दूर करना चाहिए। एनसीईआरटी को छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए और उनकी प्रतिक्रिया का उपयोग अपनी किताबों को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए।
केवल तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि एनसीईआरटी की किताबें छात्रों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करती हैं और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती हैं।thumb_upthumb_down
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