Waqf Bill पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी कहां थीं? भाजपा ने उठाए सवाल, राहुल गांधी पर भी निशाना
संसद में Waqf Bill संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां एक ओर विपक्ष ने विधेयक पर सवाल उठाए हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेताओं पर तीखा हमला बोला है। भाजपा ने खासतौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए हैं और राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया है। भाजपा का कहना है कि जब अल्पसंख्यक समाज से जुड़े इतने अहम मुद्दे पर संसद में चर्चा चल रही थी, तब कांग्रेस के शीर्ष नेता कहां थे?

Waqf Bill क्या है?
Waqf Bill एक इस्लामिक व्यवस्था है, जिसके तहत किसी व्यक्ति द्वारा संपत्ति (जमीन, मकान आदि) को धार्मिक या जनकल्याणकारी कार्यों के लिए दान किया जाता है। भारत में Waqf Bill संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन के लिए Waqf Bill बोर्ड की स्थापना की गई है।
वर्तमान में सरकार ने Waqf Bill अधिनियम 1995 में संशोधन के लिए एक नया विधेयक पेश किया है। इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता और उनके दुरुपयोग को रोकना बताया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला है और इससे समुदाय के अधिकारों का हनन होगा।
भाजपा का कांग्रेस पर हमला
विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भाजपा प्रवक्ताओं ने पूछा कि जब वक्फ जैसे संवेदनशील और अल्पसंख्यक समाज से जुड़े विषय पर संसद में बहस हो रही थी, तब प्रियंका गांधी वाड्रा कहां थीं? भाजपा ने इसे कांग्रेस की “राजनीतिक सुविधानुसार सक्रियता” करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“जब कोई मुद्दा मुस्लिम समाज से जुड़ा होता है, तो कांग्रेस नेतृत्व कैमरे के सामने आकर भावुक भाषण देता है। लेकिन जब संसद में असल बहस होती है, तब वे नदारद होते हैं। प्रियंका गांधी जी उस दिन संसद में क्यों नहीं थीं? राहुल गांधी भी चुप क्यों रहे?”
राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल
सिर्फ प्रियंका गांधी ही नहीं, भाजपा ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी, जो खुद को ‘लड़ाई लड़ने वाला नेता’ बताते हैं, Waqf Bill जैसे गंभीर मसले पर चुप क्यों हैं?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा,
“राहुल गांधी को संसद में बोलने का मौका मिला, पर उन्होंने इस विधेयक पर कुछ नहीं कहा। ये वही लोग हैं जो मुस्लिम समुदाय के हितैषी होने का दावा करते हैं, लेकिन जब ज़मीनी स्तर पर काम करने की बात आती है, तो पीछे हट जाते हैं।”
कांग्रेस की सफाई
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को “भ्रम फैलाने वाला” और “राजनीतिक स्टंट” बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी लोकसभा सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनकी संसद में मौजूदगी की अपेक्षा करना तर्कसंगत नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने बयान में कहा,
“भाजपा ध्यान भटकाना चाहती है। असल मुद्दा ये है कि वक्फ संपत्तियों का सरकार गलत तरीके से नियंत्रण चाहती है। हमारी पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है और करेगी।”
राजनीतिक सन्देश और ध्रुवीकरण की कोशिश?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का प्रियंका और राहुल गांधी पर हमला सिर्फ विधेयक तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस को अल्पसंख्यक हितों को लेकर “दोहरे रवैये” का प्रतीक दिखाना है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा इस मुद्दे के जरिए एक ओर तो अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को “छद्म धर्मनिरपेक्षता” के कटघरे में खड़ा कर रही है।
निष्कर्ष
Waqf Bill पर चल रही बहस संसद के बाहर अब राजनीतिक हमलों में तब्दील हो चुकी है। जहां एक ओर कांग्रेस विधेयक को संविधान विरोधी बता रही है, वहीं भाजपा विपक्षी नेताओं की गैरमौजूदगी और चुप्पी को लेकर सवाल खड़े कर रही है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी जैसे बड़े चेहरों पर भाजपा का सीधा हमला बताता है कि यह मुद्दा संसद से बाहर चुनावी मंच तक गूंज सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस राजनीतिक हमले का क्या जवाब देती है, और Waqf Bill पर असल में संसद और सड़कों पर क्या असर पड़ता है।
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