Goa’s Lairai देवी Templeमें मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, 50 से अधिक घायल; पीएम मोदी ने जताया शोक
Goa’s Lairai देवी Temple में मंगलवार को एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें भगदड़ मचने से कम से कम 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब Goa’s Lairai परिसर में भारी भीड़ एकत्रित थी और पूजा-अर्चना का आयोजन चल रहा था। मृतकों में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं, जबकि घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।

हादसे का कारण
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हादसा मंगलवार सुबह करीब 5 बजे हुआ, जब लैराई देवी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ‘होली’ के अवसर पर दर्शन करने पहुंचे थे। हर साल की तरह इस बार Goa’s Lairai भी हजारों श्रद्धालु Temple में विशेष पूजा और अनुष्ठान के लिए इकट्ठा हुए थे। जैसे ही भीड़ मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार की ओर बढ़ी, उसी दौरान किसी अज्ञात कारण से भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं की कमी और भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त उपाय न होने के कारण स्थिति बिगड़ गई।
प्रशासनिक चूक?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, Temple के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर थी। कई श्रद्धालुTemple के अंदर फंसे रह गए और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से समय पर कोई उचित दिशा-निर्देश नहीं दिए गए, जिससे भगदड़ को रोकना मुश्किल हो गया। कुछ लोग गिर पड़े और भीड़ उन्हें रौंदती चली गई। यह स्थिति बेहद भयावह थी।
इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन ने इस आयोजन के लिए पर्याप्त तैयारी की थी या नहीं? क्या भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों की संख्या पर्याप्त थी? क्या मंदिर प्रशासन ने सरकार से सहयोग मांगा था? इन सवालों के जवाब तलाशना अब ज़रूरी हो गया है।
मृतकों और घायलों की जानकारी
घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें Goa’s Lairai मेडिकल कॉलेज तथा आसपास के निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। मृतकों की पहचान अभी तक पूरी तरह नहीं हो पाई है, लेकिन प्रशासन ने उनके परिवारों को सूचित कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,
“Goa’s Lairai देवी Temple में मची भगदड़ की घटना अत्यंत पीड़ादायक है। इसमें जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले और सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराए।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार जरूरत पड़ने पर हर संभव सहायता देने को तैयार है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की प्रतिक्रिया
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने भी घटना पर दुख जताया है और घायलों के इलाज की निगरानी के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा,
“यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमारी प्राथमिकता घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा देने की भी घोषणा की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।
हादसे के बाद का माहौल
घटना के बाद Goa’s Lairai मंदिर परिसर को खाली करा लिया गया है और वहां पूजा-अर्चना स्थगित कर दी गई है। पुलिस और राहत दल मौके पर तैनात हैं और घटना की जांच शुरू हो चुकी है। कई श्रद्धालु सदमे में हैं और प्रशासन से नाराज़गी भी जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है और प्रशासन से जवाबदेही की मांग की जा रही है।
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था कितनी जरूरी है। भारत में हर साल विभिन्न तीर्थ स्थलों पर लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं समय-समय पर हमारी तैयारियों की पोल खोल देती हैं। प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट को मिलकर एक ऐसी कार्यप्रणाली बनानी चाहिए जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि हो।

निष्कर्ष:
Goa’s Lairai देवी Temple में हुई भगदड़ की यह घटना न केवल मानव जीवन की क्षति का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को लेकर हमें कितने सजग रहने की आवश्यकता है। सरकार, प्रशासन और आम जनता—सभी को मिलकर ऐसे हादसों से सबक लेना होगा, ताकि भविष्य में किसी भी श्रद्धालु को अपनी आस्था की कीमत जान देकर न चुकानी पड़े।
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